नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय बुधवार को मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) और चुनाव आयुक्तों के चयन के लिए बनी समिति में भारत के मुख्य न्यायाधीश को शामिल नहीं किए जाने को चुनौती देने वाली एक गैर सरकारी संगठन की याचिका पर 15 मार्च को सुनवाई करने पर सहमत हो गया।
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की अगुवाई वाली पीठ ने एनजीओ एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की ओर से पेश वकील प्रशांत भूषण की दलीलों पर गौर किया और शुक्रवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया। भूषण ने याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने का अनुरोध करते हुए दलील पेश की थीं। न्यायमूर्ति खन्ना ने कहा, मुझे अभी प्रधान न्यायाधीश से संदेश मिला है कि इसे शुक्रवार को सूचीबद्ध किया जाए।
एनजीओ ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त और अन्य निर्वाचन आयुक्त अधिनियम, 2023 के एक प्रावधान की वैधता को चुनौती दी है। नए कानून के अनुसार चयन समिति में प्रधानमंत्री अध्यक्ष होंगे और इसमें दो सदस्य होंगे जिनमें लोकसभा में विपक्ष के नेता और प्रधानमंत्री द्वारा नामित एक केंद्रीय मंत्री शामिल हैं। हाल में निर्वाचन आयुक्त अरुण गोयल के पद से इस्तीफे के बाद एनजीओ ने शीर्ष अदालत का रुख किया है।