देहरादून। आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डा. धन सिंह रावत ने कहा कि आपदाग्रस्त क्षेत्रों के सभी विधायक पुनर्वास सूची से वंचित रह गए गांवों का प्रस्ताव जिलाधिकारी के माध्यम से शीघ्र शासन को उपलब्ध कराएं। आगामी कैबिनेट में विस्थापन एवं पुनर्वास नीति-2011 में संशोधन प्रस्ताव लाया जाएगा।
विधानसभा स्थित सभा कक्ष में विभागीय मंत्री डा.धन सिंह रावत की अध्यक्षता में आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विभाग की दूसरे चरण की बैठक आयोजित की गई। बैठक में आपदाग्रस्त क्षेत्रों के लगभग एक दर्जन विधायक एवं शासन के अधिकारियों ने प्रतिभाग किया। मंत्री ने कहा कि विस्थापन एवं पुनर्वास नीति-2011 में आ रही व्यवहारिक दिक्कतों को ध्यान में रखते विधायक अपने सुझाव सरकार को उपलब्ध कराएं, जिनको प्रस्तावित संशोधन नीति-2021 में शामिल किया जाएगा।
विधायकों ने बताया कि विस्थापन, पुनर्वास नीति-2011 में कई ऐसे मानक हैं, जिनके चलते प्रभावितों को अपेक्षित लाभ नहीं मिल पा रहा है। कई संयुक्त परिवार ऐसे हैं जिनके 2-3 भाई रहते हैं। उनके एक ही भाई को आपदा संबंधी क्षतिपूर्ति मिल पाती है जबकि दो को नहीं मिल पाती। इसके अलावा जिलाधिकारी स्तर से पुनर्वास के लिए चयनित गांवों की सूची में केवल चार-पांच वर्ष पुराने आपदाग्रस्त गांव ही शामिल किए गए हैं, जबकि वर्तमान में कई आपदाग्रस्त गांवों के नाम सूची में आने से वंचित रह गए हैं।
ऐसे प्रकरणों पर विभागीय मंत्री ने कहा कि सभी विधायक वर्तमान स्थिति को देखते हुए सूची से वंचित गांवों का प्रस्ताव जिलाधिकारी के माध्यम से एक शीघ्र शासन को उपलब्ध कराएं। उनको पुनर्वास की सूची में शामिल करा लिया जाएगा। आगामी कैबिनेट में विस्थापन एवं पुनर्वास नीति-2011 में संशोधन प्रस्ताव लाया जाएगा। इसमें व्यवहारिक दिक्कतों को दूर करने का प्रयास किया जाएगा।
44 गांवों के 1101 परिवारों का पुनर्वासः सचिव आपदा प्रबंधन एस.ए. मुरूगेशन ने बताया कि प्राकृतिक आपदाओं से ग्रस्त गांवों का पुनर्वास दूर करने के प्रयास जारी रहेंगे।। सरकार वर्ष 2012 से अब तक 44 गांवों के 1101 परिवारों का पुनर्वास कर चुकी है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में अब तक चार ग्राम पंचायतों के 144 परिवारों के पुनर्वास के लिए 5 करोड़ 20 लाख 65 हजार की धनराशि निर्गत की जा चुकी है। इसके अलावा प्रदेश के विभिन्न जनपदों से प्राप्त आपदा चिह्नित गांवों के पुनर्वास की प्रक्रिया गतिमान है।
विभागीय सचिव ने विधायकों की बाढ़ नियंत्रण संबंधी कार्यों को आपदा मद से मांग पर बताया कि उपरोक्त कार्य संबंधित रेखीय विभागों द्वारा कराए जाते हैं। मांग के आधार पर प्रत्येक वर्ष जिलाधिकारी के माध्यम से आपदा मद से समुचित धनराशि उपलब्ध कराई जाती है।
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बैठक में रुद्रप्रयाग विधायक भरत चौधरी, विधायक बागेश्वर चन्दन राम दास, विधायक टिहरी धन सिंह नेगी, विधायक देवप्रयाग विनोद कंडारी, विधायक भीमताल राम सिंह कैड़ा, विधायक रामनगर दिवान सिंह बिष्ट, विधायक गंगोलीहाट मीना गंगोला, विधायक पिथौरागढ़ चन्द्रा पंत, सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास एस.ए. मुरूगेशन, अपर सचिव सबिन बंसल, निदेशक यू-सैक प्रो. एम.पी.एस. बिष्ट, संयुक्त सचिव विक्रम सिंह यादव, उप सचिव रईस अहम,अनुभाग अधिकारी एस.डी. बेलवाल सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।