डेंगू बना आफत : सक्रीय हुआ मलेरिया विभाग, आठ घरों को नोटिस

इंदिरानगर और गोमतीनगर में डेंगू के केस सघन अभियान चलाकर डेंगू प्रभावित मकानों को किया जा रहा चिन्हित

लखनऊ। राजधानी में मंगलवार को एक समाचार पत्र में दो सौ से अधिक मोहल्लों में डेंगू के मरीजों की खबर आने के बाद चिकित्सा विभाग सक्रीय हो गया। नगरीय मलेरिया अधिकारी डॉ. केपी त्रिपाठी स्वयं क्षेत्रों में मलेरिया इंस्प्केटरों के साथ निरीक्षण पर निकल पड़े।

उन्होंने बताया कि इंदिरानगर सेक्टर 13 के आठ घरों में नोटिस जारी किया गया और उनको आगे से पानी इकट्टा होने या साफ सफाई नहीं रखने पर संचारी रोग के तहत जो कानूनी कार्रवाई होती है उसको किया जाएगा। उन्होंने बताया कि लोगों ने घरों के बाहर जानवरों को पानी पिलाने के लिये नाद बनवा रखी है उसी पानी में लार्वा पाया गया है। मलेरिया इंस्पेक्टरों को निर्देश दिये गये हैं कि डेंगू के पॉजिटिव केस जिन इलाकों में पाये जा रहे हैं वहां लोगों को नोटिस जरूर दिये जाएं।

टेस्ट किट जनपदों में नहीं उपलब्ध

सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री बीमारियों की रोकथाम के लिये चिंतित हैं लेकिन अधिकारी कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। आरोप है कि स्वास्थ्य भवन में संयुक्त निदेशक स्तर के काफी अधिकारी कार्यरत हैं जिनको डेंगू के बढ़ते प्रकोप को रोकने के लिये लगाया जा सकता था लेकिन मलेरिया और डेंगू के बचाव का कार्य देखने वाले अधिकारियों को कोरोना की मॉनिटरिंग में लगा दिया गया है। जबकि विगत कई वर्षों से डेंगू और मलेरिया रोगों से आमजनों को माह जुलाई से माह नवम्बर तक इन रोगों से पीड़ित होते हैं। उनकी मौत भी होती है। सूत्रों के मुताबिक मेडिकल कारपोरेशन की ओर से अभी भी कई जिलों में डेंगू संबंधित टेस्ट किट उपलब्ध नहीं कराई गई है।

डेंगू से बचाव के तरीके

फोटो: साभार गूगल

विटामिन सी – खाने में जितना हो सके विटामिन सी से युक्त पदार्थों का सेवन करें।

तुलसी और शहद तुलसी और शहद का प्रयोग किया जा सकता है। इसके लिए तुलसी को पानी में उबालकर, इसमें शहद डालकर पिया जा सकता है।

पीपीते के पत्ते – डेंगू के इलाज में पपीते की पत्तियां बेहतर इलाज के रूप में जानी जाती हैं। पपीते के पत्ते का रस निकालकर दिन में दो बार लगभग 2-3 चम्मच की मात्रा में लिया किया जा सकता है।

अनार-डेंगू बुखार में शरीर में होने वाली रक्त की कमी और कमजोरी को दूर करने के लिए, अनार का सेवन फायदेमंद होता है। 

मेथी मेथी की हरी पत्तियों के प्रयोग से शरीर से सभी हानिकारक और विषाक्त पदार्थ बाहर निकल जाते हैं। 

गिलोय – गि‍लोय हर तरह की बीमारी में अमृत के समान होती है। इसके प्रयोग से लाल रक्त कणि‍काओं का निर्माण होता है और प्रतिरोधक क्षमता में इजाफा होता है। तुलसी के साथ इसका काढ़ा बनाकर पीने से लाभ होता है।  

बकरी का दूध- डेंगू बुखार होने पर बकरी के दूध का सेवन बेहद फायदेमंद होता है। इसके लिए बकरी का कच्चा दूध दिन में दो से तीन बार थोड़ी मात्रा में पीने लाभ होता है।