जम्मू कश्मीर में परिसीमन की प्रक्रिया मार्च 2022 तक खत्म हो जाएगी और इसके बाद यहां विधानसभा की सात सीटें बढ़ेंगी। ये जानकारी जम्मू में परिसीमन आयोग के चेयरपर्सन रंजना प्रकाश देसाई और सदस्य सुशील चंद्रा, केके शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी। रंजना प्रकाश देसाई ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि हम यहां तीन दिनों से है। सभी दलों विचारों को लिखा गया है। हम कानून के हिसाब से काम करेंगे। भविष्य में दोबारा आएंगे।
परिसीमन आयोग के चेयरपर्सन ने दी जानकारी
रंजना प्रकाश देसाई ने बताया कि परिसीमन 2011 के सेंसस पर आधारित होगा। पिछले परिसीमन पर 12 जिले थे लेकिन अब प्रदेश में 20 जिले है। परिसीमन आयोग के सदस्यों ने 290 से अधिक दलों और संगठनों से मुलाकात की, जिसमें 800 के आसपास सदस्य थे। इन दलों ने परिसीमन पर खुशी जताई। कुछ दलों ने राजनतिक आरक्षण की भी मांग की।
परिसीमन आयोग ने कहा है कि जिन लोगों को इस परिसीमन पर कोई राय देनी हो वो इस नोडल अफसर को वो राय दे सकते हैं। जिन राजनीतिक दलों ने परिसीमन आयोग से दूरी बनाई हम दुआ करते है वो अगर मिलने आते। भूगौलिक स्थितियों को पहले परिसीमन में ध्यान नहीं रखा गया। हम यकीन दिलाते है कि यह प्रक्रिया कानून के मुताबिक होगी और पारदर्शी होगी। हमारे लिए जम्मू और कश्मीर एक यूटी है।
सुशील चंद्रा के मुताबिक, परिसीमन एक कठिन प्रक्रिया है, लेकिन ये बेहद ज़रूरी है। हमें जम्मू-कश्मीर में सात नई सीटें जोड़नी हैं, साथ ही एसटी के लिए भी सीटों को आरक्षित करना है। इनके अलावा 24 सीटें पीओके के लिए अलग रहेंगी।
सात जिलों के डीईओ से मिला परिसीमन आयोग
अपने चार दिवसीय दौरे के अंतिम दिन शुक्रवार को परिसीमन आयोग ने जम्मू में संभाग के सात जिलों के जिला निर्वाचन अधिकारियों (डीईओ) के साथ मुलाकात की और जम्मू-कश्मीर में नए निर्वाचन क्षेत्रों के गठन की कवायद के बारे में प्रत्यक्ष जानकारी हासिल की। इस दौरान आयोग ने जम्मू, सांबा, कठुआ, उधमपुर, रियासी, राजौरी और पुंछ के डीईओ से मुलाकात की। बैठक के दौरान डीईओ ने सभी डेटा, पीपीटी और संदर्भ सामग्री प्रस्तुत की।
यह भी पढ़ें: मोदी कैबिनेट में जगह न मिलने पर फूटा सांसद के समर्थकों का गुस्सा, पंकजा मुंडे ने दिया बड़ा बयान
न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) रंजना प्रकाश देसाई, मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) सुशील चंद्रा और उप चुनाव आयुक्त चंद्र भूषण समेत पांच सदस्यीय परिसीमन आयोग गुरुवार दोपहर कश्मीर और किश्तवाड़ की यात्रा पूरी करने के बाद विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं से मिलने के लिए जम्मू पहुंचे। गुरुवार शाम तक आयोग ने जम्मू में भाजपा, कांग्रेस और पैंथर्स पार्टी समेत कई राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की और उनके पक्ष को सुना। इससे पहले आयोग ने डोडा, किश्तवाड़ और रामबन के 52 प्रतिनिधियों और जिला निर्वाचन अधिकारियों से मुलाकात की।