मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोमवार को यहां निर्माण श्रमिकों की पुत्रियों के सामूहिक विवाह कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे। कार्यक्रम में 2754 जोड़ों ने नये जीवन की शुरुआत की। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने सामूहिक विवाह योजना योजना की प्रशंसा की और कहा कि विगत दो-तीन वर्षों में सवा लाख से भी ज्यादा कन्याओं का बिना किसी दहेज के विवाह कराया जा चुका है।
मुख्यमंत्री कहा कि एक दिन में इतना बड़ा कार्यक्रम शांतिपूर्ण और सौहार्दपूर्ण तरीके से सम्पन्न हो रहा है, यह हमारी भारतीयता की ताकत है। सामूहिकता का परिणाम ही यही होता है। सामान्य रूप से जनप्रतिनिधि बहुत व्यस्त होते हैं। कार्यकर्ताओं के वहां शादी ब्याह के अवसरों में इसलिए कठिनाई हो पाती है क्योंकि अगर एक साथ 50 जगह शादी हो गई तो व्यक्ति की एक सीमा होती है, वह सभी जगह नहीं पहुंच सकता। लेकिन, सामूहिकता की ताकत है कि आज निर्माण श्रमिकों से सम्बन्धित 2754 जोड़ों की शादी है तो मुख्यमंत्री के तौर पर मैं भी मौजूद हूं। वहीं, मंत्रियों में स्वामी प्रसाद मौर्य, डॉक्टर महेंद्र सिंह, भूपेंद्र सिंह चौधरी और सरदार बलदेव सिंह औलख भी हैं। इसके अलावा इस कमिश्नरी के सांसद और विधायक भी इस आयोजन में एक साथ शामिल हुए हैं। यह अपने आप में एक बहुत बड़ा आयोजन है, पवित्र यज्ञ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह उन निर्माण श्रमिकों के प्रति सम्मान का सबसे बड़ा प्रदर्शन है, जो भवन का निर्माण तो करता है लेकिन स्वयं टूटी झोपड़ी में रहता है। सरकार ने उसको मान्यता दी है और उसका परिणाम है कि उसकी शादी ब्याह में मुख्यमंत्री से लेकर मंत्री, सांसद, विधायक को भी आना पड़ा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि व्यक्तिगत और सार्वजनिक जीवन दोनों में सामूहिकता का महत्व है। हम जब मिलकर के किसी एक अभियान के साथ जुड़ते हैं तो वह सफलता के हमें उतने ही नजदीक लेकर जाता है। कार्य का शुभारंभ कैसे हो रहा है, कार्य की सफलता इस पर निर्भर होती है और कार्य का शुभारंभ अच्छा होगा तो स्वाभाविक रूप से सफलता भी उतनी ही नजदीकी से हमें प्राप्त होते हुए दिखाई देती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कई देश कोरोना महामारी से तबाह हो गए लेकिन भारत, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में उनके द्वारा समय से लिए गए निर्णयों के चलते आज पूरी तरह सुरक्षित है। लॉकडाउन में जब अचानक मजदूरों का पलायन शुरू हो गया तो उस समय उत्तर प्रदेश सरकार ने पहल की। श्रम विभाग सबसे पहले सामने आया, 54 लाख श्रमिक परिवारों को भरण-पोषण का लाभ देने का काम किया। उन्होंने कहा कि कोरोना भले ही पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ। लेकिन, हमने सुनिश्चित कर लिया है कि फिर से जन जीवन को सामान्य करके किसी भी व्यक्ति को भूखा नहीं सोने देंगे। हर हाथ को काम देंगे, हर खेत को पानी देंगे, हर पेट को भरपूर भोजन देने का भी काम करेंगे।
उन्होंने कहा कि श्रमिक अपने काम के लिए जीवन भर घूमता रहता है। वह राष्ट्र का निर्माण तो करता है। लेकिन, उसे परिवार से दूर भी रहना पड़ता है। जो राष्ट्र का निर्माण करेगा उसके निर्माण की जिम्मेदारी सरकार की है, वह प्रयास भी हो रहा है। प्रतिभा किसी जाति, मजहब, क्षेत्र, भाषा तक सीमित नहीं होती है। यह हर जगह मौजूद है। प्रतिभा का लाभ लेने के लिए 18 आवासीय विद्यालयों का निर्माण शुरू होने जा रहा है।
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उन्होंने कहा कि इससे श्रमिकों के बच्चों को लाभ मिलेगा। सरकार प्रयास कर रही है कि आने वाले समय में किसी भी श्रमिक को भटकना न पड़े। अगर कोरोना जैसी महामारी ने भविष्य में दस्तक देने का प्रयास किया तो भी श्रमिक भाई हताश नहीं होंगे। क्योंकि सरकार उन्हें सुरक्षा का एक नया माहौल दे रही है। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अंतर्गत बीते दो-तीन वर्षों में सवा लाख से भी ज्यादा कन्याओं का बिना किसी दहेज के विवाह करवाया गया। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास होना चाहिए कि शासन की योजनाओं के साथ कुछ ऐसी योजनाओं को जोड़ें जिससे आने वाली पीढ़ी को लाभ मिल सके।