दिल्ली हिंसा के आरोपियों को अदालत ने दिया तगड़ा झटका,पुलिस ने बताई सारी करतूत

दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने 26 जनवरी को लालकिले पर तिरंगे के अपमान में गिरफ्तार दीप सिद्धू को 7 दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने दीप सिद्धू को दस दिनों की हिरासत में भेजने की मांग की थी। अदालत ने इस मामले के सह अभियुक्त सुखदेव सिंह को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।

पुलिस ने किये कई खुलासे

मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट प्रज्ञा गुप्ता की अदालत में सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने दीप सिद्धू की 10 दिनों की पुलिस रिमांड की मांग की। पुलिस ने कहा कि दीप सिद्धू से पूछताछ करनी है। उसके खिलाफ वीडियोग्राफी सबूत हैं। पुलिस ने कहा कि सिद्धू ने लोगों को भड़काया जिसके चलते लोगों ने सार्वजनिक सम्पति को नुकसान पहुंचाया। सिद्धू के सोशल मीडिया को हैंडल करनेवालों की भी पड़ताल करनी है। उसको पंजाब और हरियाणा लेकर जाना है। वो जिस गाड़ी में आया था उसे अभी जब्त करना बाकी है। उनके मोबाइल फोन भी रिकवर करने हैं। एक मोबाइल फोन पटियाला में फेंक दिया गया था।

पुलिस ने कहा कि 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली के दौरान नियमों का उल्लंघन किया गया। लाल किले पर झंडा फहराया गया। दीप सिद्धू दंगों में सबसे आगे था। लाल किले पर 140 पुलिस कर्मियों पर हमला हुआ। उनके सर पर तलवारों से चोटें आईं। दिल्ली पुलिस ने कहा कि वीडियो में साफ दिख रहा कि दीप सिद्धू झंडे और लाठी के साथ लाल किले में घुस रहा था। वो जुगराज सिंह के साथ था। कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से कहा कि वो दीप सिद्धू से कोर्ट रुम में पूछताछ कर बताएं कि उन्हें कितने दिनों की हिरासत चाहिए।

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दीप सिद्धू की पुलिस रिमांड का सिद्धू के वकील ने विरोध करते हुए कहा कि रिमांड की ज़रूरत नहीं है। पुलिस के पास सभी सबूत पहले से मौजूद हैं। सीसीटीवी, वीडियो फुटेज पहले से मौजूद हैं। कुछ और बरामद नहीं करना है। ऐसे में दीप सिद्धू की हिरासत की कोई जरुरत नहीं है। बता दें कि दीप सिद्धू को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने हरियाणा के करनाल से आज ही गिरफ्तार किया था। कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से पूछा कि सिद्धू को कैसे गिरफ्तार किया गया, तब दिल्ली पुलिस ने कहा कि उसे सूचना मिली थी कि वो करनाल आनेवाला है जिसके आधार पर उसे पकड़ा गया।