उद्धव ठाकरे अब अपनी पार्टी में बगावत को रोक नहीं पा रहे हैं। शिंदे के मुख्यमंत्री बनने के साथ ही ये और बड़ी होती जा रही है। ताजा घटनाक्रम के तहत ठाणे के 67 में से 66 पार्षद आए शिंदे के साथ आ गए हैं। इससे उद्धव ठाकरे की मुश्किलें और बढ़ती नजर आ रही हैं। खसकर तब जब महाराष्ट्र में जल्द ही पार्षद (नगर सेवक) के चुनाव निकट हैं। इस समय महाराष्ट में नगर निगमों में अब तक उद्धव ठाकरे की शिवसेना का दबदबा ही रहा है। पर अब लग रहा है कि यहां भी परिस्थितियां बदलने वाली हैं।
वैसे भी ठाणे को एकनाथ शिंदे का गढ़ माना जाता है। यहां के मेयर नरेश म्हस्के के साथ पार्षदों ने एकनाथ शिंदे से मुलाकात कर उनके समर्थन दिया। नगर निगम चुनाव में मतदाता अपने-अपने वार्ड से पार्षदों का चुनाव करेंगे जो निगम के मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव करने के लिए मतदान करेंगे। इस चुनाव की तैयारी शुरू हो गयी है। राज्य चुनाव आयोग (एसईसी) किसी भी समय चुनावों की तारीख का ऐलान भी कर सकता है।
अब सांसद भी छोड़ेंगे उद्धव ठाकरे का साथ
विधायक और पार्षदों के साथ-साथ अब सांसद भी उद्धव ठाकरे का साथ छोड़ सकते हैं। शिवसेना के एक बागी विधायक ने दावा किया कि 18 सांसदों में से 12 जल्दी ही एकनाथ शिंदे गुट में शामिल हो जाएंगे शिंदे गुट के विधायक गुलाब राव पाटिल ने एजेंसी को दिए अपने बयान में कहा है कि जल्द ही ज्यादातर सांसद शिवसेना शिंदे गुट के साथ होंगे। उद्धव ठाकरे सरकार में मंत्री रह चुके पाटिल का कहना है कि अब असली पार्टी वहीं हैं। उनका कहना है कि 18 में से 12 सांसद हमारे साथ आ रहे हैं।