पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) ने एक नए विवाद को जन्म दिया है। दरअसल, पीएफआई ने अपने सोशल मीडिया हैंडलर पर ऐसा पोस्टर लगाया है, जिसको लेकर विवाद शुरू हो गया है। बाबरी मस्जिद पर कारसेवकों के बैकग्राउंड वाले पोस्टर का काफी विरोध किया जा रहा है। इस पोस्टर के साथ पीएफआई ने लिखा कि एक दिन बाबरी का उदय होगा। 6 दिसंबर, 1992 -कहीं हम भूल ना जाएं। संगठन ने इस पोस्टर को बीते दिन बाबरी विध्वंस की बरसी के मौके पर लगाया।
पीएफआई है चरमपंथी और उग्रवादी इस्लामी कट्टरपंथी संगठन
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल रामजन्मभूमि विवाद को सुलझाते हुए विवादित जमीन मंदिर निर्माण के लिए हिंदुओं को दे दी थी और मुस्लिम समुदाय को अयोध्या में ही मस्जिद निर्माण के लिए 5 एकड़ जमीन दी गई। इसके अलावा विशेष अदालत ने बाबरी विध्वंस मामले में सभी आरोपियों को इसी साल सितंबर में बरी कर दिया।
इससे पहले, अगस्त में राम मंदिर निर्माण का काम भी शुरू हो चुका है और मस्जिद निर्माण की भी रूपरेखा तैयार कर ली गई है।
पीएफआई भारत में एक चरमपंथी और उग्रवादी इस्लामी कट्टरपंथी संगठन है, जो 2006 में नेशनल डेवलपमेंट फ्रंट (एनडीएफ) के उत्तराधिकारी के रूप में देखा जाता है। इसके सदस्य अक्सर राष्ट्रविरोधी और असामाजिक गतिविधियों में शामिल होते रहे हैं।
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हाल ही में, पीएफआई के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तारी उस वक्त हुई, जब वे कथित तौर पर जांचकर्ताओं को परेशान करने के इरादे से हाथरस जा रहे थे।