भारत-चीन सीमा विवाद को लेकर शनिवार को विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने विपक्ष और राहुल गांधी पर निशाना साधा था। जिस पर अब कांग्रेस ने एक विस्तृत बयान जारी कर पलटवार किया है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश के मुताबिक चीन मुद्दे पर मोदी सरकार ‘DDLJ’ यानी Deny(इनकार करो), Distract(ध्यान भटकाओ), Lie(झूठ बोलो), Justify(न्यायोचित ठहराओ) की नीति अपना रही है। काफी वक्त से मोदी सरकार एलएसी पर चीन के कब्जे को भी छिपाने की कोशिश कर रही।

जयराम रमेश ने कहा कि मई 2020 में जब एलएसी पर छड़प हुई थी। उसके बाद भारत ने लद्दाख में 65 में से 26 चौकियों पर अपना नियंत्रण खो दिया। वहीं विदेश मंत्री ने 1962 के युद्ध का भी जिक्र किया था। जिस पर कांग्रेस नेता ने कहा कि उस वक्त भारत ने अपने क्षेत्र की रक्षा करते हुए युद्ध लड़ा था, जबकि 2020 में भारत ने चीनी आक्रामकता को स्वीकार कर लिया। ऐसे में 1962 और 2020 की तुलना नहीं की जा सकती है। जयराम रमेश ने आगे कहा कि विदेश मंत्री ने राहुल गांधी और चीनी राजदूत की मुलाकात को लेकर जो बयान दिया है, वो बहुत ही घटिया है। क्या विपक्षी नेता व्यापार, निवेश और सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण देशों के राजनायिकों से नहीं मिल सकता है?
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क्या था विदेश मंत्री का बयान?
दरअसल शनिवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर पुणे में अपनी अंग्रेजी किताब “द इंडिया वे: स्ट्रैटेजीज फॉर एन अनसर्टेन के मराठी अनुवाद ‘भारत मार्ग’ के विमोचन समारोह में पहुंचे थे। उस दौरान पत्रकारों ने उनसे चीन के मुद्दे पर लेकर सवाल किया। इस पर उन्होंने कहा कि चीन मुद्दे पर बहुत से लोग जमीन की बात करके झूठ फैला रहे हैं, जबकि उसने वहां पर 1962 में ही कब्जा कर लिया था। इसके बाद भी वो लोग ऐसी बात कर रहे, जैसे ये सब कुछ हाल ही में हुआ हो। वहीं 2017 में राहुल गांधी ने चीना राजनायिक से मुलाकात की थी। इस पर उन्होंने तंज सकते हुए कहा कि मैं चीनी राजदूत को बुलाकर जानकारी नहीं मांगता हूं। उनके इसी बयान से कांग्रेस नाराज है।
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