उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले की उत्तर विधानसभा सीट पर कांग्रेस का सबसे ज्यादा वर्चस्व रहा है। इस विधानसभा सीट से 1957 से लेकर 80 तक कांग्रेस प्रत्याशी ही जीत दर्ज करते रहे। वहीं इमरजेंसी के दौरान जनता पार्टी ने इस सीट पर जीत दर्ज की। यह सीट कांग्रेस के कद्दावर नेता अनुग्रह नारायण सिंह के कारण भी जानी जाती रही है। पहले इस सीट पर एक परिवार का ही कब्जा लम्बे समय तक रहा है। इस सीट से कांग्रेस से राजेंद्र कुमारी बाजपेई लगातार चार बार विधायक चुनी गईं। यह सीट ब्राह्मण बाहुल्य सीट है, जिसके चलते यहां पर शुरुआत के दौर में ब्राह्मण प्रत्याशियों की जीत हुई है।
-राजनीतिक इतिहास
प्रयागराज की उत्तर विधानसभा सीट पर 1957 में कांग्रेस प्रत्याशी कैलाश नारायण गुप्ता ने पहली जीत दर्ज की। फिर इस सीट पर 1962 से लेकर 1974 तक लगातार चार चुनाव में कांग्रेस की राजेंद्र कुमारी बाजपेई विधायक निर्वाचित हुई। 1977 में पूरे देश में इमरजेंसी के दौरान जनता पार्टी की लहर चली तो उस समय इस सीट पर जनता पार्टी के बाबा रामाधार यादव की जीत हुई। 1980 में इस सीट पर अशोक कुमार बाजपेई ने कांग्रेस से चुनाव लड़कर जीत दर्ज की। 1985 से इस सीट पर अनुग्रह नारायण सिंह का राजनीतिक सफर लोकदल से शुरू हुआ और विधायक चुने गए। 1989 में वह जनता दल से दूसरी बार विधायक चुने गए। 1991 राम मंदिर की लहर में भाजपा के नरेंद्र कुमार सिंह गौर विधायक चुने गए। 1991, 1993, 1996 और 2002 में वह लगातार इस सीट से चुनाव जीतते रहे। भाजपा का यह वर्चस्व 2007 में कांग्रेस के प्रत्याशी अनुग्रह नारायण सिंह ने तोड़ दिया। वह इस सीट से तीसरी बार विधायक चुने गए। 2012 में फिर कांग्रेस से अनुग्रह नारायण सिंह की जीत हुई। 2017 में इस सीट पर फिर कमल खिला। इस बार भाजपा ने हर्षवर्धन बाजपेई को अपना उम्मीदवार घोषित किया। उन्होंने चार बार विधायक अनुग्रह नारायण सिंह को 35,025 मतों के अंतर से हराकर जीत दर्ज की।
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यह सीट फूलपुर के अंतर्गत आती है। इस संसदीय क्षेत्र से सांसद केसरी पटेल हैं, जो भारतीय जनता पार्टी से हैं। उन्होंने समाजवादी पार्टी के पंधारी यादव को हराया था। अब 2022 में भाजपा को इस सीट पर अपनी जीत बरकरार रखने की चुनौती है। वहीं कांग्रेस ने अनुग्रह नारायण सिंह को फिर अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है। जबकि बसपा ने संजय गोस्वामी को अपना प्रत्याशी बनाया है।
शहर उत्तरी विधानसभा में मतदाताओं की बात की जाय तो वर्ष 2017 के दौरान यहां के कुल मतदाताओं की संख्या 4,11,519 थी। जबकि इस वर्ष 2022 के होने वाले चुनाव में 26,718 मतदाता बढ़े हैं। इस प्रकार अब कुल 4,38,237 मतदाता हो गये हैं। जो अपने विधायक का चुनाव करेंगे।