कृषि कानूनों को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुनाए गए फैसले के बाद आंदोलित किसानों ने भी साफ कर दिया है कि जबतक कृषि कानूनों को पूरी तरह से रद्द नहीं किया जाएगा तबतक यह आंदोलन जारी रहेगा। किसान नेताओं के इस रवैये को देखते हुए कांग्रेस ने मोदी सरकार के खिलाफ बड़ा हमला बोला है। दरअसल, किसानों के इस ऐलान के बाद कई कांग्रेस नेताओं ने पर वार किया है।

कांग्रेस नेता ने मोदी सरकार से की मांग
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को एक ट्वीट में कहा, किसानों को भ्रमित करने के लिए सरकार का प्रयास निर्थक है, किसानों को मकसद पता है और उनकी मांगें स्पष्ट हैं – कृषि विरोधी कानून वापस हो।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा समिति बनाने के संकेत के बाद किसानों ने सोमवार को कहा कि वे किसी समिति के सामने पेश नहीं होंगे।
एक अन्य कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने एक लेख में कहा कि प्रदर्शनकारी किसानों की बात सुनी जाय। वर्षों से, सरकारों ने कृषि क्षेत्र की उपेक्षा की है, जो कि किसानों की बहुसंख्यक स्थितियों को पहचानने में विफल रही है। किसानों का आंदोलन इसी पृष्ठभूमि में समझा जाना चाहिए।
किसानों के विरोध प्रदर्शन को कांग्रेस अब खुल कर समर्थन दे रही है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मसले पर एक संयुक्त रणनीति बनाने के लिए विपक्षी नेताओं से भी बात की है।
कांग्रेस ने शनिवार को कहा था कि उसने देश में ‘किसान अधिकार दिवस’ आयोजित करने का फैसला किया है और 15 जनवरी को सभी राज्यों में राजभवन का घेराव करेगी।
यह भी पढ़ें : आंदोलित किसानों को रास न आया सुप्रीम कोर्ट का फैसला, गठित कमेटी पर लगाया आरोप
कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने शनिवार को कहा था कि कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी ने निर्णय लिया है कि आंदोलनकारी किसानों के समर्थन में, पार्टी अपने दफतरों में किसान अधिकार दिवस आयोजित करेगी और 15 जनवरी को प्रदेशों में राजभवन का घेराव भी करेगी।
Sarkari Manthan Hindi News Portal & Magazine