राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बयान ‘आंदोलनजीवी’ को लेकर कांग्रेस अब हमलावर हो गई है। मंगलवार को इंगलिशिया लाइन स्थित पंडित कमलापति त्रिपाठी फाउन्डेशन कार्यालय में जुटे पार्टी के नेताओं ने प्रधानमंत्री के बयान पर जमकर निशाना साधा।
पार्टी के नेताओं ने कहा कि जनता की असली शक्ति कदाचित आंदोलन का मंत्र देश के वर्तमान शासक भूल गये हैं। आन्दोलन और सत्याग्रह की कोख से ही भारत की आजादी हुई। प्रधानमंत्री के बयान को बेहद आपत्तिजनक, अमर्यादित और अलोकतांत्रिक बता पार्टी के नेताओं ने कहा कि प्रधानमंत्री उसी पार्टी के हैं,जिनकी पार्टी का देश में हुये तमाम आन्दोलनों के पीछे छुपकर तत्कालीन सरकारों को अस्थिर करने का पुराना इतिहास रहा है।
तंज कसते हुए नेताओं ने कहा कि ये वही बात हुई कि-पर उपदेश कुशल बहुतेरे। पार्टी के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष विजय शंकर पान्डेय और महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ पत्रकारिता विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रोफेसर अनिल कुमार उपाध्याय ने कहा कि किसान आन्दोलन के मार्ग में कटिले तारों की बाड़ लगाना, सड़कों पर नुकीली कीलें बिछवाना, आन्दोलन स्थल पर नागरिक सुविधाओं और इन्टरनेट को बन्द करवाना, तरह-तरह के हथकन्डे अपनाकर आन्दोलन को बदनाम करवाना, आन्दोलित किसानों पर फर्जी मुकदमें लगवाना, अपने पार्टी के अवांछनीय तत्वों द्वारा किसानों को भयक्रान्त करवाना ये सब किस प्रकार की लोकतांत्रिक व्यवस्था का परिचायक है?।
कांग्रेस के नेताओं ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी यह भी भूल गये कि ये महात्मा गांधी का देश है। जहां अपने वाजिब हक के लिये व्यवस्था के विरुद्ध सत्याग्रह करने और शान्ति पूर्ण आन्दोलन करने में ही जनता की सबसे बड़ी शक्ति निहित होती है।
गौरतलब हो कि राज्यसभा में प्रधानमंत्री ने कहा था कि ‘हम लोग कुछ शब्दों से बड़े परिचित हैं, श्रमजीवी, बुद्धिजीवी-ये सारे शब्दों से परिचित हैं। लेकिन, मैं देख रहा हूँ कि पिछले कुछ समय से इस देश में एक नई जमात पैदा हुई है, एक नई बिरादरी सामने आई है और वो है ‘आंदोलनजीवी’।
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सभा में बैजनाथ सिंह, छावनी परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष शैलेन्द्र सिंह,भूपेन्द्र प्रताप सिंह, उमापति उपाध्याय,पुनीत मिश्रा, आनन्द मिश्रा, विजय कृष्ण राय अन्नू आदि शामिल रहे।