नई दिल्ली। पहलगाम आतंकी हमले का भारतीय सेना ने बदला लेते हुए बुधवार को पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक कर उन्हें तबाह कर दिया। भारतीय सशस्त्र बलों की ओर से पाकिस्तान में बने आतंकवादी शिविरों पर सटीक हमला किया गया। ये आतंकी ठिकाने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू और कश्मीर में मौजूद थे।
सेना की इस एयर स्ट्राइक को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का नाम दिया गया है। ये एयरस्ट्राइक उन आतंकी ठिकानों पर की गई, जहां से भारत के खिलाफ आतंकवादी हमलों की योजना बनाई गई थी। सेना की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार एयर स्ट्राइक में कुल 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया है। भारतीय सेना की ओर से कहा गया है कि एयर स्ट्राइक में किसी भी पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों को निशाना नहीं बनाया गया है। भारत ने लक्ष्यों के चयन और निष्पादन के तरीके में काफी संयम दिखाया है।
आतंकी ठिकाने को भी किया टारगेट : सोफिया कुरैशी
कर्नल सोफिया कुरैशी ने बताया कि मार्च 2025 में जम्मू कश्मीर के चार जवानों की हत्या की गई थी। उन्हें पाकिस्तान के अंदर स्थित आतंकी कैंप में ट्रेंड किया गया था। मुंबई आतंकी हमले में शामिल आतंकवादियों के ठिकानों को भी टारगेट किया गया।
मासूम नागरिकों को न्याय देने के लिए लॉन्च किया गया था ‘ऑपरेशन सिंदूर’
‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया कुरैशी ने कहा, “22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में मारे गए मासूम नागरिकों और उनके परिवारों को न्याय देने के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ लॉन्च किया गया था। इस कार्रवाई में 9 आतंकवादी शिविरों को टारगेट किया गया और पूरी तरह से इसे बर्बाद किया गया।” कर्नल सोफिया ने मीडिया को संबोधित करते हुए पाकिस्तान और PoJK में मुंद्रिके और अन्य आतंकवादी शिविरों पर कई हमलों को दिखाते हुए वीडियो प्रस्तुत किए।
पहलगाम हमले में टीआरएफ का हाथ : विदेश सचिव विक्रम मिस्री
‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, 22 अप्रैल 2025 को लश्कर-ए-तैयबा से संबंधित पाकिस्तानी और पाकिस्तान प्रशिक्षित आतंकवादियों ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हमला किया और 25 भारतीय नागरिकों और 1 नेपाली नागरिक की हत्या कर दी। उन्होंने लोगों को उनके परिवार के सदस्यों के सामने सिर में गोली मारी। परिवार के सदस्यों को जानबूझकर आघात पहुंचाया गया और उन्हें नसीहत दी गई कि वो वापस जाकर इस संदेश को पहुंचा दें। यह हमला स्पष्ट रूप से जम्मू-कश्मीर में बहाल हो रही सामान्य स्थिति को बाधित करने के उद्देश्य से किया गया था।
विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा, आतंकवाद को खत्म करने के लिए भारत ने जवाब दिया है। आतंकी जम्मू कश्मीर में विकास को रोकना चाहते हैं। टीआरएफ लश्कर से जुड़ा संगठन है। पहलगाम हमले में टीआरएफ का ही हाथ है।विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, “25 अप्रैल को UNSC की प्रेस वक्तव्य में TRF के संदर्भ को हटाने के लिए पाकिस्तान के दबाव पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए। पहलगाम आतंकी हमले की जांच से पाकिस्तान के साथ आतंकवादियों के संपर्क उजागर हुए हैं।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा,पाकिस्तान आधारित आतंकवादी मॉड्यूल पर हमारी खुफिया निगरानी ने संकेत दिया है कि भारत पर आगे भी हमले हो सकते हैं, अत: इन्हें रोकना और इसने निपटना दोनों को बेहद आवश्यक समझा गया। आज सुबह भारत ने इस तरह के सीमा पार हमलों का जवाब देने और उन्हें रोकने तथा उनका प्रतिरोध करने के अपने अधिकार का प्रयोग किया है।
पाकिस्तान का दावा- भारतीय वायुसेना ने अपनी सीमा से ही दागे हथियार
पाकिस्तान ने बुधवार सुबह दावा किया कि भारतीय वायुसेना ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान अपने हवाई क्षेत्र से ही हथियारों का इस्तेमाल नागरिक आबादी को निशाना बनाने के लिए किया। पाकिस्तान सरकार ने एक बयान में आरोप लगाया गया कि भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के पंजाब में मुरीदके और बहवलपुर में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पार और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में कोटली और मुजफ्फराबाद में नियंत्रण रेखा के पार के इलाकों को निशाना बनाया।
पाकिस्तान ने कहा कि भारतीय कार्रवाई से वाणिज्यिक हवाई यातायात को ‘गंभीर खतरा” पैदा हो गया है। बयान में कहा गया है, “पाकिस्तान अपने हिसाब से समय और स्थान पर उचित तरीके से जवाब देने का मादा रखता है।” पाकिस्तान के डीजी आईएसपीआर लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने कहा कि भारत ने कोटली, मुरीदके, बहवलपुर, चक अमरू, भीमबर, गुलपुर, सियालकोट और मुजफ्फराबाद में दो जगहों पर हमला किया।
भारत ने किस तरह दिया जवाब?
शुरुआती जानकारी के मुताबिक, भारतीय सशस्त्र बलों ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पीओके के अंदर मिसाइलों से हमला किया। हमले सुनियोजित थे। कुल 9 ठिकानों को निशाना बनाया गया। इसमें यह ध्यान रखा गया कि पाकिस्तान का कोई सैन्य ठिकाना इसकी जद में न आए। भारत ने इस मामले में संयम बरता और सिर्फ आतंकी ढांचों को निशाना बनाया।
कितने सशस्त्र बल इस ऑपरेशन में शामिल रहे?
न्यूज एजेंसियों के मुताबिक, ऑपरेशन सिंदूर एक संयुक्त ऑपरेशन था। इसमें वायुसेना, थलसेना और नौसेना की लक्ष्य को सटीक तरीके से भेदने वाली हथियार प्रणालियों यानी प्रीसिशन स्ट्राइक वेपन्स का इस्तेमाल किया गया। हमले में लॉयटरिंग म्यूनिशंस यानी घातक ड्रोन शामिल थे। हमला कहां होना है, इसके बारे में भारत की खुफिया एजेंसियों ने जानकारी दी। वहीं, हमले को भारतीय सरजमीं से ही अंजाम दिया गया।
इसका खुलासा किस तरह हुआ?
खुलासा थलसेना के एडिशनल डायरेक्टर जनरल ऑफ पब्लिक इन्फॉर्मेशन यानी एडीजीपी के एक्स हैंडल के जरिए हुआ। इस हैंडल के जरिए सेना ने पहले रात 1:28 बजे 64 सेकंड का एक वीडियो पोस्ट किया, जिस पर लिखा था- “प्रहाराय सन्निहिताः, जयाय प्रशिक्षिताः”। यानी हमले को तैयार और जीत के लिए प्रशिक्षित। इसके बाद रात 1:51 बजे दूसरा पोस्ट जारी हुआ, जिसमें ऑपरेशन सिंदूर की तस्वीर के साथ लिखा था- इंसाफ पूरा हुआ, जय हिंद। इसके बाद पत्र सूचना कार्यालय यानी पीआईबी की तरफ से शुरुआती सूचना इस बयान के साथ जारी की गई कि बाद में इस पर विस्तार से ब्रीफिंग दी जाएगी।
पाकिस्तान में किन ठिकानों को निशाना बनाया गया?
भारत ने बहावलपुर, मुरीदके, सियालकोट, भीमबेर, कोटली और मुजफ्फराबाद में आतंकियों के ठिकानों को निशाना बनाया। सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी गई कि भारत की मिसाइलें बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद के ठिकाने, मुजफ्फराबाद के सेंट्रल ग्रिड सिस्टम और मुरीदके में हाफिज सईद के ठिकाने पर गिरीं। जैश-ए-मोहम्मद का सरगना वही मसूद अजहर है, जिसे 1999 में IC-814 कंधार विमान अपहरण मामले के बाद रिहा करना पड़ा था।
मसूद अजहर के पाकिस्तान लौटने के बाद बहावलपुर आतंकियों को प्रशिक्षण देने का बड़ा ठिकाना बन गया। जैश-ए-मोहम्मद संसद पर 2001 में हुए हमले, 2016 में पठानकोट हमले और 2019 में पुलवामा हमले में शामिल रहा है। वहीं, हाफिज सईद लश्कर-ए-तैयबा का सरगना है, जो 26/11 के मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड है। मुरीदके में ही लश्कर-ए-तैयबा का मुख्यालय है। यह आतंकी संगठन 1990 से मुरीदके से ही ऑपरेट करता है। भारत ने लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के सरगनाओं को निशाना बनाने के लिए ही इन जगहों को चुना। वहीं, मुजफ्फराबाद और कोटली नियंत्रण रेखा के पास है।
ध्वस्त ठिकानों की सूची
1. मरकज सुभान अल्लाह, बहावलपुर (जैश)
2. मरकज तैयबा, मुरीदके (लश्कर)
3. सरजाल, तेहरा कलां (बहावलपुर) (जैश)
4. महमूना जोया सुविधा, सियालकोट (हिजबुल)
5. मरकज अहले हदीस बरनाला, भीमबेर (लश्कर)
6. मरकज अब्बास, कोटली (जैश)
7. मस्कर राहील शाहिद, कोटली (हिजबुल)
8. शावई नाला कैंप, मुजफ्फराबाद (लश्कर)
9. मरकज सैयदना बिलाल, मुजफ्फराबाद (जैश)।
ऑपरेशन सिंदूर ही नाम क्यों?
22 अप्रैल 2025 को कश्मीर के पहलगाम स्थित पर्यटक स्थल पर आतंकियों ने गोलियां बरसाई थीं। इन आतंकियों ने लोगों से धर्म पूछा था। हिंदू पुरुषों को अलग किया और उनके परिवार के सामने उन्हें गोली मार दी। हमले में कई महिलाओं ने अपने पति को खोया। इनमें से कुछ महिलाओं की कुछ ही दिन पहले शादी हुई थी और वे पति के साथ पर्यटन के लिए पहलगाम आईं थीं। इस हमले में जिन महिलाओं के माथे का सिंदूर छिन गया, उन्हीं के सम्मान में एक संदेश देने के लिए भारत ने इस कार्रवाई को ऑपरेशन सिंदूर नाम दिया।