मुख्यमंत्री योगी ने किया भारतेन्दु हरिश्चन्द्र की प्रतिमा का अनावरण
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भारतेन्दु हरिश्चन्द्र जी की जयन्ती के अवसर पर उनकी प्रतिमा का अनावरण किया। इसके साथ ही मुख्यमंत्री योगी ने कला जगत से जुड़ी कई हस्तियों को सम्मानित किया। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह मायने नहीं रखता कि जीवन में कितने दिन जी रहे हैं, बल्कि यह मायने रखता है कि हमने कैसा जीवन जिया। उन्होंने कहा कि आधुनिक हिन्दी (खड़ी बोली) के जनक भारतेन्दु हरिश्चन्द्र जी ने मात्र 34 साल के जीवन में अपनी कृतियों के माध्यम से हिन्दी साहित्य में एक युग अपने नाम कर लिया।
भारतेन्दु जी एक अच्छे वक्ता, लेखक, नाटककार थे- सीएम
मुख्यमंत्री ने कहा कि अक्सर ऐसा होता है कि कोई व्यक्ति एक पक्ष को लेकर चल पाता है, लेकिन भारतेन्दु जी एक अच्छे वक्ता, लेखक, नाटककार, पत्रकार और कलाकार के साथ-साथ राष्ट्रभक्ति व राष्ट्रभाषा के प्रति अनुपम लगाव रखने वाले व्यक्ति थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की आजादी के लिए प्रखर राष्ट्रवाद भारतेन्दु जी की कृतियों में स्पष्ट रूप से नजर आता है। अपनी कृतियों से देश की आजादी के प्रति लोगों के मन में एक जज्बा पैदा करना भारतेन्दु जी का लेखन कौशल था। अपने नाटकों के माध्यम से उन्होंने जनमानस को सक्रिय रूप से प्रभावित करने का कार्य किया।
पीएम के मार्गदर्शन में आजादी के परवानों को दी जा रही श्रद्धांजलि
वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री ने 2020 में नई शिक्षा नीति घोषित की थी। जिसके मूल में मातृ भाषा के माध्यम से प्रारम्भिक शिक्षा प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में प्रदेश सरकार आजादी के अमृत महोत्सव और चौरी-चौरा शताब्दी समारोह की श्रृंखला के क्रम में देश की आजादी के परवानों को अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित कर रही है।
उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने में जुटी सरकार- नीलकंठ तिवारी
वहीं इस दौरान संस्कृति राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉक्टर नीलकंठ तिवारी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने के संकल्प के साथ स्वतंत्रता की अलख जगाने वालों के विचारों को आगे बढ़ाने और स्थलों को सजाने संवारने जैसे कार्यक्रम आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारतेन्दु जी ने साहित्य के माध्यम से आधुनिक हिन्दी (खड़ी बोली) को अद्यतन रूप दिया। साथ ही, स्वतंत्रता की अलख को तेज किया।