केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से सोमवार को पेश किए गए केन्द्रीय बजट पर कांग्रेस व भाजपा के नेताओं ने अलग-अलग प्रतिक्रिया दी है। मुख्यमंत्री गहलोत ने जहां बजट को निराशावादी बताया है, वहीं पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने इसे विकास की नई परिभाषा लिखने वाला करार दिया है।
मुख्यमंत्री ने दिया यह बयान
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि यह गरीब और किसान विरोधी, महंगाई बढ़ाने वाला, दिशाहीन और निराशाजनक बजट है। इस बजट में कोरोना महामारी से पैदा हुई विकट बेरोजगारी की समस्या को दूर करने के लिए कोई ठोस उपाय नहीं किए गए हैं। मिडिल क्लास करदाताओं को उम्मीद थी कि मोदी सरकार इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव कर कोई राहत देगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इस बजट से समाज का हर तबका पूरी तरह से निराश हुआ है।
गहलोत ने कहा कि हमें उम्मीद थी कि बजट में पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा और हर घर नल योजना में राजस्थान को विशेष राज्य का दर्जा मिलेगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ है। प्रदेश से सभी सांसद एनडीए के होने के बावजूद केंद्र सरकार ने राजस्थान से भेदभावपूर्ण व्यवहार किया है। इस बजट का पूरा फोकस सिर्फ चुनावी राज्यों पश्चिम बंगाल,असम, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी पर रहा। मुख्यमंत्री गहलोत ने इस बजट को पूरी तरह बड़े उद्योगपतियों के हितों को साधने वाला बजट बताया।
पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने केंद्रीय बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि वित्त मंत्री का बजट भाषण निजीकरण को बैंकिंग, बिजली, बीमा, शिपिंग सहित अनेक क्षेत्रों में बढ़ाने पर केंद्रित है जिसमें दो सरकारी बैंकों के निजीकरण, बंदरगाह प्रबंधन को निजी हाथों में देने, बिजली वितरण में सरकारी कंपनियों के समानांतर निजी कंपनियों को मौका देने के अलावा बीमा क्षेत्र में एफडीआई की सीमा 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 74 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया गया है। बजट में किसानों के कर्ज, एमएसपी की गारंटी पर कुछ नहीं कहा गया है। पायलट ने कहा कि राजस्थान को इस बजट से निराशा ही मिली है।
यह भी पढ़ें: बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने उठाया कोरोनाकाल का मुद्दा, दिया बड़ा बयान
भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने कहा है कि देश का आम बजट लोकतंत्र के पवित्र मूल्यों को समर्पित बजट है। यह आत्मनिर्भर भारत की अपेक्षाओं पर खरा उतरने वाला बजट है। राजे ने कहा कि देश के विकास की नई परिभाषा लिखने वाले इस बजट में किसानों, युवाओं, महिलाओं, व्यापारियों,आदिवासियों सहित सभी वर्गों का खय़ाल रखा गया है। जिससे आम लोगों के जीवन के साथ-साथ भारतीय अर्थव्यवस्था में भी सकारात्मक और व्यापक बदलाव आएगा।
पूर्व सीएम ने कहा है कि यह बजट स्वस्थ व उन्नत भारत की दिशा में एक मजबूत क़दम है। जिससे युवा वर्ग को सीधे तौर पर फायदा होगा तथा भारत को पुन: विश्व गुरु बनाने में मदद मिलेगी।