लखनऊ: चौरी-चौरा आंदोलन स्वाधीनता संग्राम में कांड नहीं विद्रोह है। देश के स्वाधीनता आंदोलन में गांधीजी के असहयोग आंदोलन को समर्थन देने के लिए चौरी चौरा के किसान-मजदूरों ने शराबबंदी, महंगाई आदि सामाजिक मुद्दों को लेकर के आंदोलन किया था, जिसमें अंग्रेज सरकार ने गोली चलवाई थी ।
चौरी-चौरा शताब्दी वर्ष समारोह में पढ़ी गई वीर रस की कवितायें
उक्त बातें चौरी-चौरा शताब्दी वर्ष समारोह की पूर्व संध्या एवं 99वीं वर्षगांठ पर तथ्य फाउंडेशन, सुमंगलम परिवार और कर्तव्या फाउंडेशन द्वारा आयोजित “चौरी-चौरा विद्रोह स्मृति सभा” में मुख्य वक्ता सुमंगलम परिवार के महासचिव राज कुमार ने कही। उन्होंने आगे कहा कि गोली लगने से तीन लोग शहीद हुए थे जिसके परिणाम स्वरूप विद्रोह शुरू हुवा। चौरी-चौरा थाने में क्रान्तिवीरों ने प्रदर्शन किया और थाना फूंक दिया था। आज देश के लिए मारने की नहीं जीने की आवश्यकता है।
अध्यक्षता करते हुए भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता नरेंद्र सिंह राणा ने कहा कि देश के लिए सर्वस्व समर्पण किया क्रांतिवीरों ने। राष्ट्रभक्ति और देश प्रेम की भावना की जागृति हेतु चौरी-चौरा शताब्दी वर्ष समारोह पूरे देश में मनाया जाएगा। देश की सुरक्षा, स्वाभिमान व स्वदेशी की भावना को सशक्त- समृद्ध करेगा चौरी -चौरा शताब्दी वर्ष ।
विष्ट अतिथि भारतीय जनता पार्टी के पूर्व क्षेत्रीय मंत्री अजीत सिंह ने कहा कि युवा अपनी प्रतिभा क्षमता देश को आत्मनिर्भर बनाने में समर्पित करें और क्रंतिविरों के सपनो का सशक्त समृद्ध भारत बनाएं।
वीर रस के ओजस्वी कवि विख्यात मिश्रा ने अपनी कविता ‘लाखों घर बर्बाद हुए है, आज़ादी को लाने में’ गाकर सभी मे देशभक्ति का संचार किया।
संचालन करते हुए कर्तव्या फाउंडेशन के महासचिव डॉ हरनाम सिंह ने कहा कि असहयोग आंदोलन से विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार और स्वदेशी वस्तुओं का विकास प्रारंभ हुआ।
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तथ्य फाउंडेशन के महासचिव रंगेश तिवारी ने कहा कि स्वतत्रता के लिए अंग्रेजो के विरूद्ध आक्रोश को तीब्र बनाया चौरी-चौरा के विद्रोह ने। देश की स्वतंत्रता ही क्रन्तिकारियों के कर्तव्य थे। आभार ज्ञापन तथ्य फाउंडेशन के अध्यक्ष अभिषेक श्रीवास्तव ने किया।
सभा को प्रमुख रूप से सोम दत्त वाजपेयी, मोहमद सुहेल, अभय दीक्षित, डॉ विवेक जोशी एवं वेद प्रकाश ने संबोधित किया जिसमें प्रमुख रूप से आशीष शुक्ला, सुधा शुक्ला, शुभम उपाध्याय, निहार, सूरज शुक्ला, दुर्गेश कुमार यादव आदि उपस्थित होकर श्रद्धा सुमन अर्पित किए।