दो साल पहले इंटीरियर डिजाइनर और उनकी मां द्वारा की गई आत्महत्या के एक मामले में गिरफ्तार किये गए रिपब्लिक टीवी के मुख्य संपाकद और निदेशक अर्नब गोस्वामी की मुश्किलें थमने का नाम ही नहीं ले रही हैं। दरअसल, बॉम्बे हाईकोर्ट ने अर्नब गोस्वामी को तगड़ा झटका दिया है। अदालत ने उनकी अंतरिम जमानत याचिका खारिज कर दी है।
बॉम्बे हाईकोर्ट ने रद्द की अर्नब की याचिका
दरअसल, जेल में बंद अर्नब गोस्वामी की तरफ से बॉम्बे हाईकोर्ट में अंतरिम जमानत के लिए याचिका दायर की गई थी। शनिवार को अदालत में इस मामले पर सुनवाई हुई थी लेकिन अदालत ने अपना फैसला सुनाने की बजाय सुरक्षित कर लिया था। अदालय अपने अपना यह फैसला सोमवार को सुनाया। न्यायमूर्ति एसएस शिंदे और एमएस कार्णिक ने इस मामले में अपना फैसला सुनाते हुए अर्नब गोस्वामी को बेल देने से इनकार किया।
दोनों जजों के बेंच ने फैसला सुनाते हुए कहा कि हाई कोर्ट की ओर से असाधारण क्षेत्राधिकार के इस्तेमाल का कोई केस नहीं बनाया गया था और रेग्युलर बेल के लिए विकल्प उपलब्ध है। बेंच ने कहा कि इसने साफ कर दिया है कि याचिकाकर्ता के लिए अन्य विकल्प मौजूद हैं। बेंच ने एक बार फिर दोहराया कि याचिकाकर्ता सेशन कोर्ट में याचिका दायर कर सकते हैं, जहां 4 दिन में आवेदन पर फैसला लिया जाएगा।
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आपको बता दें कि अर्नब को आत्महत्या के जिस मामले गिरफ्तार किया गया है, वह मामला 2018 का है। डिजाइनर अन्वय नाइक और उनकी मां कुमुद नाइक ने मई 2018 में आत्महत्या कर ली थी। अन्वय नाइक ने अपने सुसाइड नोट में लिखा था कि अर्नब गोस्वामी और उनके दो अन्य साथियों ने उनसे रिपब्लिक न्यूज़ चैनल का इंटीरियर डिजाइन कराया था, लेकिन उन्होंने इसका भुगतान नहीं किया था। अर्नब पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया है और धारा 306 के तहत गिरफ्तार किया है।