कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को लेकर शिवसेना दोतरफ़ा बाते करती नजर आ रही है। अभी बीते दिनों जहां शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के सम्पादकीय में यूपीए के नेतृत्व पर सवालिया निशान लगाते हुए सोनिया गांधी और राहुल गांधी को जमकर आड़े हाथों लिया था। लेकिन अब उसी शिवसेना ने राहुल गांधी की तारीफ़ करते हुए केंद्र की सत्तारूढ़ मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया है। इस बार शिवसेना ने दावा किया है की भाजपा को राहुल गांधी से डर लगता है।
शिवसेना ने संपादकीय में किया बड़ा दावा
शिवसेना ने सामना के संपादकीय में लिखा कि दिल्ली में जो लोग सत्ता में बैठे हैं, वो राहुल गांधी से डरते हैं। अगर ऐसा नहीं होता, तो गांधी परिवार को बदनाम करने के सरकारी अभियान नहीं चलाए जाते। एक तानाशाह हमेशा डरा हुआ रहता है, भले ही एक अकेला इंसान ही उसके खिलाफ क्यों ना हो, और अगर वो अकेला यौद्धा ईमानदार हो, तो फिर उस तानाशाह का डर 100 गुना बढ़ जाता है। सरकार को राहुल गांधी का वही 100 गुना डर है।
सामना के संपादकीय में आगे लिखा गया है कि भाजपा की तरफ से लगातार निशाना बनाए जाने के बावजूद, राहुल गांधी उनके खिलाफ खड़े हैं। भाजपा दुष्प्रचार करती है कि राहुल गांधी एक कमजोर नेता हैं, इसके बावजूद राहुल किसी भी मौके पर सरकार को घेरने से नहीं चूकते हैं। एक दिन पूरा विपक्ष भी एकजुट होकर इस सरकार के खिलाफ खड़ा होगा, हमारे देश का इतिहास यही कहता है।
मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए शिवसेना ने आगे कहा कि राजनीतिक विरोधियों के बीच मतभेद हो सकते हैं, लेकिन दिल्ली के विजय चौक पर विपक्षियों का गला घोंटने और उनके सिर लटकाने की नीति चौंकाने वाली है। केंद्रीय एजेंसियां जैसे आयकर विभाग, ईडी आदि बेहद ईमानदार हैं। उनकी राजनीतिक निष्ठा पर कोई संदेह नहीं किया जा सकता। जब तक उनके राजनीतिक बॉस संकेत नहीं देंगे, तब तक ये एजेंसियां किसी के घर का दरवाजा नहीं खटखटाएंगी। इसलिए उन्हें दोष देने का कोई मतलब नहीं है।
आपको बता दें कि शिवसेना ने सामना के संपादकीय में कांग्रेस के नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए यूपीए की कमान शरद पवार के हाथों में सौंपने की वकालत की थी।
सामना के माध्यम से शिवसेना ने कहा कि जब तक यूपीए में सारे बीजेपी विरोधी शामिल नहीं होते, तब तक विपक्ष मोदी के सामने बेअसर ही रहेगा। इस संपादकीय के माध्यम से शिवसेना ने कहा कि प्रियंका गांधी को दिल्ली की सड़क पर हिरासत में लिया जाता है, राहुल गांधी का मजाक उड़ाया जाता है और महाराष्ट्र सरकार को काम करने नहीं दिया जा रहा। यह लोकतंत्र के खिलाफ है।
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शिवसेना ने कहा कि दिल्ली की सीमा पर किसानों का आंदोलन शुरू है। आंदोलन को लेकर सत्ता में बैठे लोगों की बेफिक्री दिख रही है। इस बेफिक्री का कारण है देश का कमजोर विपक्ष। केंद्र में मौजूदा विपक्ष बेजान हो चुका है। हालिया विपक्षियों की अवस्था बंजर गांव के मुखिया का पद संभालने जैसी है। इसीलिए महीनेभर से दिल्ली की सीमा पर बैठे किसान की सुध लेने वाला कोई नहीं। लिहाजा बंजर गांव की हालत सुधारनी होगी ही। इसके लिए प्रधानमंत्री मोदी या गृह मंत्री अमित शाह जिम्मेदार नहीं है। इसकी जिम्मेदारी विपक्ष की है।