दिल्ली के बीजेपी सांसद गौतम गंभीर की संस्था गौतम गंभीर फाउंडेशन बड़ी मुसीबत में फंसती नजर आ रही है। दरअसल, दिल्ली हाईकोर्ट ने नामी हस्तियों और नेताओं द्वारा कोरोना की दवाओं की जमाखोरी को लेकर डाली गई याचिका पर सुनवाई करते हुए गौतम गंभीर फाउंडेशन को दोषी करार दिया है। गौतम गंभीर फाउंडेशन पर अनाधिकृत रूप से फैबीफ्लू दवा का भंडारण, खरीद और वितरण करने का दोषी पाया गया है। इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 29 जुलाई का दिन निर्धारित किया गया है।
हाईकोर्ट में ड्रग कंट्रोलर ने पेश की रिपोर्ट
दरअसल, इस मामले की जांच दिल्ली सरकार के ड्रग कंट्रोलर कर रहे थे। उन्होंने अपने जांच के बाद गुरूवार को दिल्ली हाईकोर्ट में रिपोर्ट पेश की। गुरुवार को सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार के ड्रग्स कंट्रोलर ने हाईकोर्ट को बताया कि गौतम गंभीर फाउंडेशन कोविड-19 मरीजों के उपचार में उपयोगी दवाई फैबिफ्लू की अनधिकृत तरीके से जमाखोरी करने, खरीदने और उसका वितरण करने का दोषी पाया गया है।
ड्रग कंट्रोलर ने अदालत में कहा कि फाउंडेशन और दवा डीलरों के खिलाफ बिना किसी देरी के कार्रवाई की जाए। अदालत को बताया कि विधायक प्रवीन कुमार को भी ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स कानून के तहत ऐसे ही अपराधों में दोषी पाया गया है। हाई कोर्ट को ड्रग कंट्रोलर ने बताया कि आप विधायक प्रवीण कुमार को भी ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट के तहत इसी तरह के अपराधों के लिए दोषी पाया गया है।
दिल्ली हाईकोर्ट ने ड्रग कंट्रोलर को छह सप्ताह के भीतर इन मामलों में आगे की प्रगति पर स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा और मामले को 29 जुलाई को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।
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आपको बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले की जांच दिल्ली सरकार के ड्रग कंट्रोलर को सौंपी थी। इसके पहले ड्रग कंट्रोलर ने अपनी रिपोर्ट में सांसद और पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर को क्लीन चिट दे दी। बीजेपी सांसद गौतम गंभीर को क्लीन चिट देने के लिए ड्रग कंट्रोलर को कड़ी फटकार लगाई और कोर्ट ने दोबारा से जांच कर रिपोर्ट देने का आदेश दिया था।