दिल्ली की सीमाओं पर जारी किसान आंदोलन पर तरह तरह के आरोप लगते रहे हैं। इन आरोपों को लेकर बीजेपी को विपक्ष के तानों का भी सामना करना पड़ा है। इसी कड़ी में एक बार फिर बीजेपी विधायक ने इस किसान आंदोलन पर नया आरोप मढ़ते हुए राजनीतिक गलियारों में हलचल पैदा कर दी है। दरअसल, इस बार बीजेपी विधायक ने आरोप लगाया है कि किसान आंदोलन विपक्ष और विदेशी शक्तियों के हाथों में चला गया है।
बीजेपी विधायक ने दिया बड़ा बयान
मिली जानकारी के अनुसार, हरियाणा भंडारण निगम के चेयरमैन एवं पृथला विधानसभा क्षेत्र के बीजेपी विधायक नयनपाल रावत ने कहा कि किसान आंदोलन विपक्षी व विदेशी शक्तियों के हाथों में चला गया है और यह शक्तियां भारत देश को कमजोर करना चाहती है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि ट्वीटर पर भी विदेशी लोगों द्वारा इस मुद्दे को लेकर भडक़ाऊ टिप्पिणयां की जा रही है, जिसके खिलाफ दिल्ली पुलिस कार्यवाही करने में जुटी है।
बीजेपी विधायक ने कहा कि चीन व कनाडा सहित कई विदेशी ताकतें पर्दे के पीछे रहकर किसान आंदोलन को अपने हाथों की कठपुतली बनाकर देश में अराजकता का माहौल फैलाना चाहते है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रहते वह अपने इन नाकाप इरादों में कभी कामयाब नहीं हो पाएगी।
बीजेपी विधायक रावत शनिवार को अपने सेक्टर-15ए निवास पर पृथला क्षेत्र के विभिन्न गांवों से आए किसानों को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान किसान नेताओं ने केंद्र सरकार द्वारा पारित किए गए तीनों कृषि कानूनों का समर्थन करते हुए किसी भी प्रकार के चक्का जाम से अपना पल्ला झाड़ लिया।
विधायक नयनपाल रावत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर कभी ऐसा कोई कानून पास नहीं करेंगे, जो किसान, मजदूर, गरीब व पिछड़े वर्गों के हितों में न हो बल्कि मोदी-मनोहर ने सदैव देश व प्रदेश में ऐसे कानून लागू किए है, जिसने हर वर्ग को आर्थिक रूप से मजबूत करने का काम किया है।
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बीजेपी विधायक ने कहा कि यह धरना विदेशी ताकतों के हाथों में खेल रहा है और जो लोग धरने पर बैठे हुए हैं उनको भ्रमित किया हुआ है जिस प्रदर्शन में खालिस्तानी वादी नारे लगते हैं उसको किसानों का धरना नहीं कह सकते। वहीं किसान नेताओं जगदीश तेवतिया जनौली, राजेश भाटी, रामनिवास नागर, दानी पूर्व सरपंच मोहना, अमीरचंद पन्हेड़ा कलां सहित कई किसानों ने एक स्वर में कहा कि कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जनहित के काम कर रहे हैं और वह तीनों ही कृषि कानूनों का समर्थन करते है और इन कृषि कानूनों से किसानों को कोई भी नुकसान नहीं है जो लोग धरना प्रदर्शन कर रहे हैं वह बहकावे में आ गए हैं। उनका मानना है कि जल्द ही इस धरने को समाप्त किया जाना चाहिए।