जनसंख्या नियंत्रण नीति को लेकर राज्यसभा में पेश किया गया बिल, सभापति के हाथ में फैसला

उत्तर प्रदेश में राज्य विधि आयोग ने तो यूपी जनसंख्या विधेयक-2021 का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। साथ ही केंद्र की सत्तारूढ़ मोदी सरकार के सांसदों ने भी जनसंख्या नियंत्रण नीति को अमलीजामा पहनाना शुरू कर दिया है। दरअसल, बीजेपी के तीन सांसदों ने राज्यसभा में एक प्राइवेट मेंबर बिल पेश किया है। बताया जा रहा है कि बीजेपी सांसदों द्वारा पेश किये गए इस बिल में एक बच्चा नीति को प्रोत्साहित करने के लिए कई प्रावधानों के सुझाव दिए गए हैं ।

जनसंख्या नियंत्रण नीति को लेकर बीजेपी सांसदों ने पेश किया बिल

एक न्यूज पोर्टल से मिली जानकारी के अनुसार, बीजेपी सांसदों सुब्रमण्यम स्वामी, हरनाथ सिंह यादव और अनिल अग्रवाल ने इस मसौदे को तैयार किया है। इस बिल में एक बच्चा नीति को प्रोत्साहित करने के सुझाव तो दिए ही गए हैं। साथ ही दो से ज्यादा बच्चे पैदा करने पर कठोर नियम बताए गए हैं। अगर सभापति से अनुमति मिलती है तो इस बिल पर संसद के इसी सत्र में चर्चा हो सकती है।

जनसंख्या नियंत्रण बिल के तौर पर लाए जा रहे इस प्रस्ताव में एक बच्चा नीति को प्रोत्साहित करने के लिए कई प्रावधान किए गए हैं। उदाहरण के रूप में अगर कोई दंपती एक बच्चे के जन्म के बाद ऑपरेशन करा लेता है (और दूसरा बच्चा न पैदा करने की बात कहता है) तो ऑपरेशन कराने वाले पति या पत्नी को 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाए। इसके अलावा इस एक बच्चे के लड़का होने पर 50 हजार रुपये और लड़की होने पर एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाए।

इसके अलावा इस बच्चे को पढ़ाई के समय केंद्रीय विद्यालय में एडमिशन, मेडिकल-इंजीनियरिंग या मैनेजमेंट जैसे व्यावसायिक कोर्स करने के दौरान प्राथमिकता के साथ प्रवेश और फीस में माफी प्रदान किए जाने का प्रावधान किया गया है। बिल में कहा गया है कि अगर कोई दंपती दो बच्चा पैदा करता है तो उसके लिए कोई अतिरिक्त छूट या लाभ नहीं दिया जाएगा।

बिल के मसौदे में दो से अधिक बच्चा पैदा करने वाले जोड़ों के लिए कठोर कानून बनाने की बात कही गई है। मसौदे के अनुसार, अगर कोई दंपती सरकारी नौकरी में है और इसके बाद भी वह तीन बच्चा पैदा करता है तो उसकी सरकारी नौकरी खत्म कर दी जानी चाहिए। इसके अलावा ऐसे दंपती को वोट देने, राजनीतिक पार्टी बनाने या पंचायत से लोकसभा स्तर तक किसी भी प्रकार का चुनाव लड़ने, या इन संस्थाओं के लिए नामांकित किए जाने के अधिकार पर हमेशा के लिए प्रतिबंध लगा दिया जाना चाहिए।

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तीन से अधिक बच्चा पैदा करने वालों को किसी भी प्रकार की सरकारी सब्सिडी न देने, सरकारी या प्राइवेट कंपनियों में ग्रेड-1 से ग्रेड-4 स्तर तक कोई नौकरी न दिए जाने का कठोर सुझाव दिया गया है। ऐसे लोगों को राजनीतिक दल के साथ-साथ किसी अन्य संगठन के बनाने या इनमें कोई पद धारण करने पर भी प्रतिबंध लगा दिए जाने की बात कही गई है।