लखनऊ। भारत के प्रमुख सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में से एक, बैंक ऑफ़ बड़ौदा और एक प्रमुख नॉन-बैंकिंग फायनांस कंपनी (एनबीएफसी) आईआईएफएल फायनांसने मुख्य रूप से अर्ध-शहरी और ग्रामीण भारत के अल्प सेवित और बैंकिंग से वंचित ग्राहक वर्ग को स्वर्ण ऋण प्रदान करने के लिए एक उधार-ऋण साझेदारी हेतु समझौता किया है। समझौते का उद्देश्य छोटे उधारकर्ताओं को कृषि और संबद्ध गतिविधियों के लिए शीघ्र, आसान और अधिक किफायती ऋण प्रदान करना है।
इस समझौतेके तहत औरसह-उधार पर भारतीय रिज़र्व बैंक के दिशा निर्देशों केअनुरूप, आईआईएफएल फायनांस स्वर्ण ऋण की लीड जनरेशन और सेवाएं प्रदान करने का कार्य करेगा,जबकि बैंक ऑफ़ बड़ौदा दोनों पक्षोंद्वारासंयुक्त अंडरराइटिंग के साथ फायनांस में भागीदारी करेगा ताकि एक बाधा रहित और स्केलेबल क्रेडिटसं वितरण प्राणाली विकसित की जा सके। यह साझेदारी बैंक के सुदृढ़ पूंजी आधार और कम लागत वालेफायनांस की आईआईएफएल फायनांस की गहरी पहुंच का लाभ उठाएगी जिस से वित्तीय समावेशन में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
यह साझेदारी पूरी तरह से तकनीक-एकीकृत प्रक्रिया द्वारा संचालित होगी जो दोनों संस्थानों के बीच रियल टाइम डेटा साझा करने की सुविधा के साथ, पारदर्शिता, दक्षता और ग्राहक सुरक्षा सुनिश्चित करेगी और मिलान संबंधी त्रुटियों को कम करेगी। यह समझौता को-ब्रांडेड दस्तावेज़ीकरण और सेवाओं के साझा उत्तरदायित्व का भी प्रावधान करता है ताकि ग्राहकों के लिए एक सहज अनुभव सुनिश्चित किया जा सके।
सुश्री कीर्ति तिम्मानगौदर,प्रमुखसह-उधार,आईआईएफएल फायनांसने कहा,यह साझेदारी जन-जन तकऋण की पहुंच को आसान बनाने के हमारे मिशन में एक महत्वपूर्ण कदम है। बैंक ऑफ़ बड़ौदा के साथ हाथ मिलाकर, हम न केवल अल्प सेवित बाजारों में अपनीउपस्थिति का विस्तार कर रहे हैं, बल्कि ग्राहकों को प्रतिस्पर्धी ब्याज दरों, तेजी से ऋण संवितरण और तकनीक-संचालित अनुभव का लाभ प्रदान किया जाना भी सुनिश्चित कर रहे हैं। यह संस्थानों और उन समुदायों दोनों के लिए फायदे का सौदा है जिन्हें हम सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।
इस अवसर परश्री मधुर कुमार,मुख्य महाप्रबंधक,बैंक ऑफ़ बड़ौदा ने कहा, “आईआईएफएल फायनांस के साथ सह-उधार समझौता पारंपरिक रूप से औपचारिक बैंकिंग के दायरे से बाहर चल रहे उन ग्राहकों तक पहुंचते ऋण स्वीकृति को बढ़ाने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है जो भारत की विविध अर्थव्यवस्था में समावेशी विकास को बढ़ावा देते हैं। यह साझेदारीप्रौद्योगिकी और सहयोग का लाभ उठाते हुए एक अधिक सुदृढ़ और सुलभ ऋण ईको-सिस्टम के निर्माण के हमारे लक्ष्य के अनुरूप है जो प्रत्येक उधारकर्ता केसशक्तीकरणके लिए कार्य करेगा।