New Delhi: President Droupadi Murmu addresses a gathering during Constitution Day celebrations at Central Hall of Samvidhan Sadan, in New Delhi, Wednesday, Nov. 26, 2025. Vice President CP Radhakrishnan, Prime Minister Narendra Modi, Lok Sabha Speaker Om Birla, Congress President Mallikarjun Kharge and Union Ministers JP Nadda and Kiren Rijiju are also seen. (PTI Photo/Kamal Kishore) (PTI11_26_2025_000245B)

संविधान भारत का गौरव, औपनिवेशिक मानसिकता त्यागने के लिए मार्गदर्शक दस्तावेज: राष्ट्रपति मुर्मू

नयी दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को कहा कि संविधान देश की पहचान का आधार है और साथ ही औपनिवेशिक मानसिकता को त्यागने तथा राष्ट्रवादी सोच को अपनाने के लिए मार्गदर्शक दस्तावेज भी है। उन्होंने संविधान सदन (पुराना संसद भवन) के केंद्रीय कक्ष में आयोजित संविधान दिवस समारोह को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि भारत दुनिया के लिए विकास का एक नया मॉडल पेश कर रहा है और लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा,हमारा संविधान राष्ट्रीय गौरव का दस्तावेज है।

यह राष्ट्र की पहचान का दस्तावेज है। यह औपनिवेशिक मानसिकता को त्यागने और राष्ट्रवादी दृष्टिकोण अपनाने और देश को आगे ले जाने का दस्तावेज है। राष्ट्रपति का कहना था कि इस दृष्टिकोण के साथ देश ने नए आपराधिक कानूनों, भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को अपनाया है। तीन नए कानूनों ने क्रमश: औपनिवेशिक युग की भारतीय दंड संहिता, आपराधिक प्रक्रिया संहिता और 1872 के भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह ले ली। नए कानून एक जुलाई, 2024 से लागू हुए।

मुर्मू ने कहा कि देश के संविधान निर्माता चाहते थे कि व्यक्तिगत, लोकतांत्रिक अधिकार हमेशा सुरक्षित रहें। जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त करने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इस प्रावधान को समाप्त करके देश को एक राजनीतिक बाधा से मुक्त कर दिया गया है। उन्होंने कहा, पिछले एक दशक में हमारी संसद ने लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।राष्ट्रपति ने तीन तलाक पर प्रतिबंध, जीएसटी व्यवस्था की शुरूआत को क्रमश: महिलाओं और वित्तीय सशक्तीकरण के लिए दो सबसे महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा,हमारा देश दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिए तेजी से आगे बढ़ रहा है।

मुर्मू ने कहा कि 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर लाना देश की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक है तथा महिलाएं, युवा, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, किसान, मध्यम वर्ग, नया मध्यम वर्ग हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था को मजबूत कर रहे हैं। राष्ट्रपति ने नौ भाषाओं -मलयालम, मराठी, नेपाली, पंजाबी, बोडो, कश्मीरी, तेलुगु, उडÞिया और असमिया में संविधान के डिजिटल संस्करण का लोकार्पण किया।

कार्यक्रम में राष्ट्रपति के नेतृत्व में संविधान की प्रस्तावना का पाठ भी किया गया। समारोह के दौरान मुर्मू के अलावा उप राष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा और किरेन रीजीजू तथा राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश मंच पर आसीन थे। इस कार्यक्रम में कई केंद्रीय मंत्री और संसद के दोनों सदनों के सदस्य शामिल हुए। मूल संविधान में सुलेख पर एक स्मारक पुस्तिका भी जारी की गई।