ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग भगवान केदारनाथ धाम के कपाट विधि-विधान और वैदिक मंत्रोच्चार के साथ शुभ मुहूर्त में सुबह 06 बजकर 25 मिनट पर खोले गए। इस मौके पर राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी और पर्यटन-धर्मस्व संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज भी मौजूद रहे। केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम से लोक कल्याण के लिए पहला रुद्राभिषेक किया हुआ।
श्रद्धालु बड़ी बेसब्री से बाबा केदार धाम के कपाट खुलने का इंतजार कर रहे थे। श्रद्धालुओं के छह माह का इंतजार खत्म हो गया है। अब छह माह तक बाबा के भक्त, धाम में आराध्य के दर्शन एवं पूजा-अर्चना कर सकेंगे।
इस मौके पर बाबा का धाम 9 क्विंटल फूलों से सजाया गया था, जो देखते बन रहा है। सेना की मराठा रेजिमेंट के बैंड की भक्तिमय धुनों के साथ देश-विदेश से आए करीब 10 हजार श्रद्धालु इस मौके के गवाह बने। श्रद्धालुओं में बाबा केदारनाथ के दर्शन के लिए जबरदस्त उत्साह है। चार तीर्थों में से अंतिम बदरीनाथ धाम के कपाट 08 मई को तीर्थयात्रियों के लिए खोले जाएंगे।
शुक्रवार सुबह पुजारियों और वेदपाठियों ने मंदिर के गर्भगृह की सफाई की और बाबा को भोग लगाया। इसके बाद मंदिर के अंदर पूजा-अर्चना हुई। सेना के बैंड की धुन के साथ पूरे केदारनाथ में बाबा का जयकारा गूंजा। इस दौरान मुख्यमंत्री सपत्नीक पहुंचे और इसके अलावा बीकेटीसी के सदस्य भी मौजूद रहे। आज सुबह 11 बजे विधि-विधान के साथ पंचकेदार के तृतीय भगवान तुंगनाथ के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोले जाएंगे।
केदारनाथ यात्रा पर इस बार बड़ी संख्या में भक्तों के आने की उम्मीद है। केदारनाथ दर्शन के लिए पहले दिन 12 हजार तीर्थ यात्रियों ने पंजीकरण कराया। दो साल बाद इस बार चारधाम यात्रा में रिकॉर्ड तोड़ तीर्थ यात्रियों के आने की उम्मीद है।
केदारनाथ जाने के लिए 31 मई तक एक लाख 90 हजार से अधिक तीर्थ यात्रियों ने अपना पंजीकरण कराया है, जबकि केदारनाथ के लिए हेली सेवाओं की 05 जून तक एडवांस बुकिंग हो गई है। 20 जून तक केदारनाथ सहित सम्पूर्ण केदारघाटी में सभी होटल और लॉज बुक हैं। इस बार केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग पर चलने वाले 12 हजार घोड़े-खच्चरों का रजिस्ट्रेशन किया गया है।
यात्रा मार्ग पर सभी व्यवस्थाएं सुचारू कर दी गई हैं। यात्रा के दौरान तीर्थयात्रियों को किसी प्रकार की असुविधा न हो इसका विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
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परंपरा के अनुसार भगवान केदारनाथ की पंचमुखी डोली केदारनाथ पहुंच चुकी है। यह 02 मई को केदारनाथ के शीतकालीन निवास ओंकारेश्वर मंदिर से केदारनाथ के लिए रवाना हुई थी और केदारनाथ धाम पहुंचने से पहले विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी, गौरीमाई मंदिर,फाटा और गौरीकुंड सहित कई पड़ावों पर रुकी थी। इस बीच, केदारनाथ मंदिर को फूलों से सजाया गया। 04 मई को बारिश और बर्फबारी के बावजूद मंदिर में सभी तैयारियां पूरी कर ली गई थी।