आगामी विधानसभा चुनाव से पहले अयोध्या यूपी की सियासत का बड़ा अखाड़ा बन गया है। अयोध्या के संतों ने AIMIM के सम्मेलन को लेकर विरोध शुरू कर दिया है। अयोध्या मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर रुदौली क्षेत्र 7 सितंबर को AIMIM ‘शोषित वंचित समाज सम्मेलन’ नाम से सियासी सभा का आयोजन कर रहा है। कार्यक्रम में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी पहुंच रहे हैं। इसे लेकर अब जो पोस्टर जारी किये गए हैं, उन्हें लेकर ही विवाद खड़ा हो चुका है। दरअसल इस पोस्टर में अयोध्या ज़िले को फैजाबाद लिखा है। इसे लेकर अब अब संतों ने चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर पोस्टर में नाम नहीं बदला गया तो वो अयोध्या में ओवैसी की रैली को होने नहीं देंगे। नाम को लेकर खड़े हुए विवाद पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी ने ओवैसी की पार्टी के इस दांव को ‘जवाबी कव्वाली’ करार दिया।

हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ओवैसी पर निशाना साधते हुए कहा है कि ‘देश का मंदिर संसद है और उसके सदस्य ओवैसी की भाषा ऐसी है। आखिर क्या चिढ़ अयोध्या से है? क्यों अयोध्या को फैज़ाबाद कहा जा रहा है ? जब सरकारी अभिलेख में भी अयोध्या नाम दर्ज हो गया है तो पोस्टर पर फैजाबाद नाम लिखना दुर्भाग्यपूर्ण है। हम इसकी पुरजोर निंदा करते हुए पोस्टर को हटाने की मांग करते हैं।’
तपस्वी पीठ के महंत जगत गुरु परमहंस आचार्य ने कहा है कि ‘यह अयोध्यावासियों का अपमान है। अगर फैज़ाबाद नाम लिखे पोस्टर नहीं हटाए गए तो अयोध्या में ओवैसी को प्रवेश करने नहीं दिया जाएगा और किसी भी सूरत में एआईएमआईएम के सम्मेलन को अयोध्या में नहीं होने दिया जाएगा।’
एआईएमआईएम की दलील
AIMIM के ज़िला अध्यक्ष शाहनवाज सिद्दीकी ने कहा कि जिले का नाम पहले फैज़ाबाद था और बदले हुए नाम को अमल में लाने की आदत बनने में थोड़ा समय लगेगा। पोस्टर में कहीं अयोध्या भी लिखा है, कहीं फैजाबाद भी. यह कोई मुद्दा नहीं है।
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