हिन्दू धर्म में बहुत सारे देवी देवता है और हर देवता को कोई न कोई दिन समर्पित है, जैसे मंगलवार को हनुमान जी की पूजा, सोमवार को शिव जी की.. वैसे ही आज शनिवार का दिन है और यह दिन शनिमहाराज की पूजा अर्चना को समर्पित हैं। शनिदेव को क्रोध का देवता माना गया हैं मगर बहुत कम लोग जानते है कि वो न्याय के देवता भी है इसलिए उनको प्रसन्न करने का सबसे सरल तरीका है।
कि कभी किसी के साथ अन्याय नहीं करना चाहिए। साथ ही शनिवार के दिन कुछ काम करने से परहेज भी करना चाहिए तो आज हम आपको शनिदेव की सरल पूजन विधि के बारे में बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
जानिए शनिवार पूजा विधि—
आपको बता दें कि शनिवार के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर नहा धोकर और साफ वस्त्र पहन कर पीपल के पेड़ पर जल अर्पित करें। लोहे से बनी शनिदेव की मूर्ति को पंचामृत से स्नान कराएं। फिर मूति को चावलों से बनाए चौबीस दल के कमल पर स्थापित करें।
इसके बाद काले तिल, पुष्प, धूप, काला वस्त्र व तेल आदि से पूजा आरंभ करें। पूजा के दौरान शनि के दस नामों का उच्चारण जरूर करें। कोणस्थ, कृष्ण, पिप्पला, सौरि,यम, पिंगलो, रोद्रोतको, बभ्रु, मंद, शनैश्चर। वही पूजा के बाद पीपल के पेड़ के तने पर सूत के धागे से सात परिक्रमा करें। इसके बाद शनि मंत्र का जाप करें। शनैश्चर नमस्तुभ्यं नमस्ते त्वथ राहवे। केतवेअथ नमस्तुभ्यं सर्वशांतिप्रदो भव॥
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वही अगर आपको शनिमहाराज की कृपा पानी है तो आपको शनिवार के दिन कुछ काम करने से बचना चाहिए। अगर आप नाखून या बाल काटते हैं तो शनिदेव आपसे नाराज हो सकते हैं। इस दिन आपको जितना हो सके, उतना दान करना चाहिए आप मंदिर के अलावा किसी जरूरतमंद लोगों आदि को जरुरत का सामान दान कर सकते हैं।