दिसंबर का महीना चल रहा है। मौसम काफी सर्द है, लेकिन इस सर्द मौसम का पश्चिम बंगाल के राजनीतिक गलियारों का माहौल खासा गर्म नजर आ रहा है। सूबे की सियासत में बढती इस गर्मी की वजह सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस है जिसे लगातार बेवफाई का सामना करना पड़ रहा है। दरअसल, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस को इस समय लगातार इस्तीफों के दौर से गुजरना पड़ रहा है।
ममता बनर्जी की नींव हिलती नजर आ रही
पार्टी के कई दिग्गज नेता इस्तीफा दे चुके हैं और यह क्रम लगातार जारी नजर आ रहा है। पार्टी नेताओं द्वारा यह इस्तीफा भी ऐसे समय में दिया जा रहा है, जब बीजेपी के चाणक्य अमित शाह बंगाल दौरे पर आने वाले हैं। उसके दौरे और तृणमूल नेताओं के इस्तीफे को लेकर सूबे की हवाओं में सुगबुगाहट भी तैरती दिख रही है। कई राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि अमित शाह के बंगाल दौरे के दौरान तृणमूल को इस्तीफा देने वाले यह सभी नेता बीजेपी का दामन थाम सकते हैं। अगर ऐसा हुआ तो आगामी विधानसभा चुनाव में इसे तृणमूल की सत्ता की नींव हिलती नजर आएगी।
दरअसल, पहले तृणमूल कांग्रेस में नंबर दो की हैसियत रखने वाले शुभेंदु अधिकारी ने इस्तीफा दिया, फिर जितेंद्र तिवारी, दीप्तांगशु चौधरी ने इस्तीफा दिया। इसके बाद आज यानि शुक्रवार को पार्टी के विधायक शीलभद्र दत्ता ने भी पार्टी को ठेंगा दिखा दिया है। तृणमूल को लगातार मिल रहे इस इस्तीफे का दौर यहीं नहीं थम रहा, शीलभद्र दत्ता के बाद अब अल्पसंख्यक सेल में महासचिव कबिरुल इस्लाम ने भी इस्तीफा दे दिया है।
उधर, बीजेपी की अगुवाई वाली केंद्र की सत्तारूढ़ मोदी सरकार ने इन नेताओं को रिझाने की कवायद भी शुरू कर दी है। दरअसल, केंद्र सरकार ने तृणमूल छोड़ने वाले वाले दिग्गज नेता शुभेंदु अधिकारी को गृह मंत्रालय द्वारा Z कैटेगरी की सुरक्षा मुहैया कराई है। भाजपा में शामिल होने से पहले ही शुभेंदु को Z कैटेगरी की सुरक्षा मुहैया कराने का फैसला गृह मंत्रालय ने लिया है। पश्चिम बंगाल में शुभेंदु को Z कैटेगरी की सुरक्षा मिलेगी जिसमें सीआरपीएफ की सिक्योरिटी कवर होगी। साथ ही उन्हें बुलेटप्रूफ गाड़ी भी मिलेगी। पश्चिम बंगाल से बाहर जाने पर शुभेंदु अधिकारी को Y+ कैटेगरी की सुरक्षा मिलेगी।
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बताया जा रहा है कि शुभेंदु अधिकारी के साथ-साथ तृणमूल के जिन विधायकों-नेताओं ने पार्टी को इस्तीफा दिया है, राजनीतिक गलियारों में उन सभी नेताओं का अच्छा वर्चस्व बताया जा रहा है। ऐसे में अगर ये नेता बीजेपी में शामिल होते हैं तो इसके कोई शक नहीं है कि तृणमूल कांग्रेस के वोटबैंक का एक बड़ा हिस्सा बीजेपी की ओर खिसक जाएगा।