राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता जाने पर अखिलेश यादव ने सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि जब CM आवास को गंगाजल से धोया गया तो क्या वह पिछ़ड़ों का अपमान नहीं था? क्या सरकार और विपक्ष के लिए पिछ़ड़े अलग-अलग हैं। अब कांग्रेस की जिम्मेदारी है कि वह रीजनल पार्टियों को आगे करें, जिससे अगले चुनाव में भारतीय जनता पार्टी का मुकाबला किया जा सके।

CM आवास को गंगाजल से धुवालाना पिछड़ों का अपमान नहीं
अखिलेश यादव ने कहा कि आज BJP के बड़े नेता से लेकर छोटे नेता राहुल गांधी के बयान को पिछड़ों का अपमान बता रहे हैं। लेकिन यहीं नेता उस समय क्यों नहीं बोले जब CM आवास को गंगाजल से धोया गया था। क्या वह पिछड़ों का अपमान नहीं था? BJP के लोग सिर्फ अपना फायदा देखते हैं।
क्या है CM आवास को गंगाजाल से धुलवाने का विवाद?
बता दें कि 2017 का उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में BJP ने जीता था। चुनाव हारने के बाद तब के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने 4 कालीदास मार्ग पर बने अपने सरकारी बंगले को खाली कर दिया। इसके बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री बने योगी आदित्यनाथ ने CM आवास में रहने से पहले उसमें गृह प्रवेश कराया। उस वक्त मीडिया में ऐसी खबरें आई, जिसमें बताया गया कि CM आवास को गंगाजल से धुला गया है। तब अखिलेश यादव ने इसे पिछड़ों का अपमान बताया था।
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‘कांग्रेस की जिम्मेदारी रीजनल पार्टियों को आगे बढ़ाएं’
अखिलेश यादव ने पिछड़ों के अपमान को लेकर BJP पर निशाना साधते हुए कांग्रेस को सलाह दिया। उन्होंने कहा, “अब कांग्रेस की जिम्मेदारी बनती है कि वह रीजनल पार्टियों को आगे बढ़ाएं, जिससे आगे आने वाले लोकसभा 2024 के चुनाव में BJP का मुकाबला किया जा सके।”
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