लखनऊ: देश में फैले कोरोना संकट के बीच समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक बार फिर उत्तर प्रदेश की सत्तारूढ़ योगी सरकार को आड़े हाथों लिया है। एक तरफ जहां योगी सरकार कोरोना महाकारी को हराने का बड़ा दावा पेश रही है। वहीं अखिलेश यादव ने अपने बयान में शासन प्रशासन पर जानबूझ कर अनजान बनने का आरोप लगाया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ये सरकार जनता का सहारा बनने की बजाय उस पर बोझ बन गई है।
अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर लगाए कई आरोप
अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि योगी सरकार और मुख्यमंत्री अपनी नाकामी छुपाने के लिए सफलता का झूठा ढिढ़ोरा पीटने में लगे हैं। गांवों में ताबड़तोड़ हो रही मौतों से दहशत व्याप्त है और मुख्यमंत्री के बनाए गए प्रभारी मंत्री लापता हैं। उन्होंने कहा कि मेरठ के प्रभारी मंत्री तो पिछले दिनों दो घंटे सर्किट हाउस के एसी कमरे में बैठकर चले गए। उन्होंने ना तो जनता की तकलीफें सुनी और ना ही अस्पतालों का निरीक्षण किया, योगी सरकार और उनके मंत्रियों की संवेदनहीनता अमानवीय स्तर पर पहुंच गई है।
अखिलेश यादव ने कहा कि गांवों में संक्रमण बढ़ने का कारण ये है कि भाजपा सरकार दवाई, जांच, डॉक्टर और टीके का कोई इंतजाम नहीं कर पा रही है, गांवों में स्वास्थ्य का ढांचा भाजपा सरकार ने पहले से ही ध्वस्त कर दिया है और जिनपर लोगों के इलाज की जिम्मेदारी है वे हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं।
इसके साथ ही अखिलेश यादव ने दावा किया कि मुख्यमंत्री के गृह जनपद गोरखपुर के ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड के कहर से हाहाकार मचा हुआ है और अधिकारी आंकड़ों पर पर्दा डालने के खेल में लगे हुए हैं। गोरखपुर की ग्राम पंचायतों में 46 हजार ग्रामीण खांसी, बुखार की चपेट में हैं और प्रशासन सिर्फ 764 की संख्या बताकर अपनी नाकामी छुपा रहा है।
यह भी पढ़ें: गाजा शहर पर आसमान से बरस रही मौत, इजरायल को हमास भी दे रहा कांटे की टक्कर
अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कानपुर, बुलंदशहर, मुजफ्फरनगर, गोंडा समेत कई जिलों में हालात बेकाबू होने का दावा करते हुए कहा कि कि चारों ओर हाहाकार है लेकिन लोगों की चीखें भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री के कानों तक नहीं पहुंच रही हैं। वे अपनी मानवीय संवेदना खो चुके हैं। गंदी राजनीति और झूठे प्रचार की जोर पर वे स्वयं को सफल मान रहे हैं। जनता उन्हें किस नजर से देख रही है, इसका अंदाजा उन्हें 2022 के चुनाव में लगेगा।