नवनिर्मित कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले डेढ़ महीने से दिल्ली की सीमाओं पर जारी किसान आंदोलन मोदी सरकार के लिए सबसे बड़ी मुसीबत साबित हो रहा है। इस आंदोलन के चलते किसानों और मोदी सरकार के बीच सात दौर की बातचीत भी हो चुकी है, लेकिन किसान इस कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर डटें हुए हैं। हालांकि, केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने इन आंदोलित किसानों को दोटूक जवाब दे दिया है।
कृषि कानूनों को लेकर कृषि मंत्री ने दिया बयान
दरअसल, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने स्पष्ट रूप से कहा है कि तीनों कृषि कानूनों को रद्द नहीं किया जाएगा। इसके लिए किसान चाहें तो सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं। इस बात की जानकारी किसान मजदूर संघर्ष समिति के एक ऐसे सदस्य ने दी है, जो बीते 4 जनवरी को सरकार और किसान नेताओं के बीच विज्ञान भवन में हुई बैठक में मौजूद था।
किसान मजदूर संघर्ष समिति के सदस्य सरवन सिंह पंधेर ने बताया कि हम पंजाब के युवाओं से लंबी दौड़ की तैयारी करने का आग्रह करते हैं। हम गणतंत्र दिवस पर एक बड़ा जुलूस निकालेंगे।
आपको बता दें कि पिछले 43 दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर किसान आंदोलन लगातार जारी है। इन 43 दिनों के दौरान सरकार और किसानों के बीच सात बार बैठक हो चुकी है। इन बैठकों में सरकार जहां बराबर कृषि कानूनों में संशोधन के प्रावधानों को सामने रख रही है। वहीं किसान इस कानूनों को रद्द करने की मांग करते हुए डंटे हुए हैं।
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उधर कृषि कानूनों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में भी याचिकाएं दाखिल की गई है। बुधवार को इस मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने इसकी सुनवाई के लिए 11 जनवरी का दिन निर्धारित किया है। बुधवार को सुनवाई करते हुए सीजेआई ने कहा कि सभी याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई की जाएगी। सीजेआई ने कहा कि कोर्ट नए कृषि कानून के खिलाफ दाखिल याचिका पर सोमवार (जनवरी 11, 2021) को सुनवाई करेगी। साथ ही उन्होंने कहा कि वो किसानों की समस्याओं को समझते हैं।