उत्तर प्रदेश पुलिस माफियाओं पर कहर बनकर टूट रही है, उत्तर प्रदेश के ज्यादातर माफिया और गैंगस्टर जेल में है या फिर यूपी छोड़कर अंडरग्राउंड हो गए हैं, क्योंकि यूपी पुलिस का एक्शन जारी है, हालांकि यूपी पुलिस ने प्रदेश के टॉप 61 अपराधियों की सूची भी जारी कर रखी है। जिसमें कई राजनेता भी शामिल है हालाकि इस सूची पर लगातार उत्तर प्रदेश पुलिस की कार्यवाही और एक्शन का दौर चल रहा है।
टॉप माफियाओं की सूची पर यूपी पुलिस का एक्शन
जहां एक तरफ माफिया अतीक अहमद के पूरे परिवार के खिलाफ लगातार एक्शन जारी है ज्यादातर संपत्तियों को जब्त किया जा चुका है या फिर उनके जमींदोज करने की कार्यवाही चल रही है। वही अब माफिया मुख्तार अंसारी के परिवार पर भी शामत आ गई है, अपने राजनैतिक रसूख के चलते माफिया मुख्तार अंसारी लंबे वक्त तक पुलिस की पकड़ से दूर रहा लेकिन वर्तमान योगी सरकार के निर्देश के बाद यूपी पुलिस एक्शन में है। जहां मुख्तार अंसारी यूपी की बांदा की जेल में बंद है और लगातार उस से जुड़े मामलों में पुलिस तेजी के साथ पैरवी करके सजा दिलाने में जुटी है। वहीं मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी बेटा अब्बास अंसारी और बहू भी निकहत भी जेल में है पत्नी अफ्शा अंसारी फरार चल रही है।
मुख्तार अंसारी के छोटे बेटे उमर के खिलाफ भी कोर्ट ने एनबीडब्ल्यू जारी कर दिया है। क्योंकि वारंट होने के बावजूद भी उमर कोर्ट में पेश नहीं हुआ था। मामला विधानसभा चुनाव के दौरान आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन से जुड़ा है। दो अलग-अलग मामलों में एमपी एमएलए कोर्ट ने एनबीडब्ल्यू जारी किया है। अब्बास को पुलिस ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश कर आया मामले की अगली सुनवाई 2 जून को होगी।
मुख्तार के बेटे अब्बास और उमर का आखिर क्या है मामला
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के दौरान 27 फरवरी को सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के प्रत्याशी मुख्तार के बेटे अब्बास अंसारी ने बिना परमिशन ही राजा रामपुर से रोड शो निकाला था, जिसमें दोनों बेटे शामिल हुए थे, जिस पर पुलिस ने मुख्तार अंसारी के दोनों बेटों समेत 9 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया था आज मामले में आरोप तय होने थे अब्बास वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हुआ लेकिन उमर के कोर्ट में पेश न होने के चलते एनबीडब्ल्यू जारी हो गया, वही अब्बास अंसारी ने यूपी विधानसभा चुनाव जीतने पर बिना अनुमति समर्थकों के साथ जुलूस निकाला था उसमें भी दोनों बेटे शामिल थे, जिससे लंबा जाम भी लगा था जिस मामले में भी दोनों भाइयों समेत करीब 9 लोगों पर मुकदमा दर्ज हुआ था, अब एमपी एमएलए कोर्ट ने 2 जून की तारीख तय की है, वहीं 2022 विधानसभा चुनाव के दौरान अब्बास अंसारी ने अधिकारियों को देख ले देख लेने और हिसाब किताब बराबर करने की बात कही थी इस हेड स्पीच के मामले में भी सुनवाई चल रही है वही मुख्तार का बेटा अब्बास अंसारी उस समय सुर्खियों में आया जब पत्नी निकहत अंसारी उससे मुलाकात करने चित्रकूट जेल पहुंची थी और जेल परिसर में मोबाइल समेत कई प्रतिबंधित सामान निकहत और अब्बास के पास मिले थे, इस मामले में जेलर और जेल अधीक्षक पर भी कार्यवाही हुई थी इस मामले की भी कार्यवाही लगातार आगे बढ़ रही है।
कभी डॉन के साथ ही राजनीति में बड़ा रसूख रखने वाला मुख्तार अब संकट में
2009 के करंडा थाना क्षेत्र के कपिल हत्याकांड मामले में फिलहाल सुनवाई टली 13 जून को होगी अगली सुनवाई
2021 से ही मुख्तार अंसारी यूपी की बांदा जेल में बंद है हालांकि मुख्तार अंसारी पर अब तक 61 मामले दर्ज हैं मऊ और गाजीपुर जिलों की पुलिस लगातार मुख्तार अंसारी पर शिकंजा कसती जा रही है, माफिया मुख्तार अंसारी पर अन्य जिलों में भी मुकदमे दर्ज हैं। जिन पर पुलिस तेजी के साथ पैरवी कर रही है वही मुख्तार अंसारी की पत्नी अफ्शा अंसारी की गिरफ्तारी के लिए भी पुलिस छापेमारी कर रही है साथ ही अफ्शा विदेश ना भाग पाए इसके लिए लुकआउट नोटिस भी जारी किया जा चुका है।
मुख्तार अंसारी की पत्नी अफ्शा और उसके परिवार के कई लोगों पर भी आपराधिक मामले दर्ज हैं। मऊ पुलिस ने अफ्शा अंसारी पर ₹25000 का इनाम वही वाराणसी रेंज में 50000 का इनाम भी घोषित कर रखा है। यूपी पुलिस माफियाओं की सूची जारी करने के बाद 1-1 अपराधी पर कार्यवाही तेज करती जा रही है।
माफिया मुख्तार अंसारी को कई मामलों में हो चुकी है सजा
वही माफिया मुख्तार अंसारी को गैंगस्टर के मामले में थाना मोहम्मदाबाद और करंडा में दर्ज मामलों में गाजीपुर एमपी एमएलए कोर्ट ने 10 साल की सजा सुनाई जा चुकी है, इसके साथ ही भाई अफजाल अंसारी को भी 4 साल की सजा सुनाई जा चुकी है। जिसके बाद अफजाल अंसारी की लोकसभा की सदस्यता भी जा चुकी है।
यूपी के बहुचर्चित कृष्णानंद राय हत्याकांड में मुख्तार और अफजाल अंसारी पर गैंगस्टर एक्ट में दर्ज हुआ था मुकदमा।
18 सालों से जेल में बंद राजनीतिक रसूख रखने वाला माफिया मुख्तार।
पिछले 18 सालों से जेल में बंद मुख्तार अंसारी और उसके परिवार की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं, मुख्तार अंसारी को अब तक 4 मामलों में सजा सुनाई जा चुकी है।
2002 दिन में जेलर पर पिस्टल तानने के मामले में भी मुख्तार अंसारी को सजा हो चुकी है।
21 सितंबर 2022 को हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने मुख्तार अंसारी को दोषी करार देते हुए 7 साल की सजा सुनाई थी।
1999 के हजरतगंज थाना क्षेत्र के मामले में भी हाईकोर्ट ने 5 साल की सजा और 5 लाख का जुर्माना लगा लगाया था।
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गाजीपुर की गैंगस्टर कोर्ट ने भी हत्या और हत्या के प्रयास के 5 मामलों में 10 साल की सजा सुनाई थी। मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में भी मुख्तार अंसारी पर सीबीआई कोर्ट में मामला चल रहा है जिसको लेकर भी पुलिस अपनी कार्यवाही पूरी करने में जुटी है। मुख्तार अंसारी के खिलाफ मार्च 2021 में ही ईडी ने मनी लांड्रिंग का केस दर्ज कराया था। ईडी ने बांदा जेल जाकर भी मुख्तार अंसारी से पूछताछ की थी। मुख्तार के परिवार के सदस्यों से भी पूछताछ हो चुकी है।