लखनऊ। नए वर्ष 2026 की पूर्व संध्या पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेशवासियों के नाम विशेष संदेश ‘योगी की पाती’ साझा कर उत्तर प्रदेश के भविष्य का रोडमैप साफ कर दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाला वर्ष प्रदेश के लिए तकनीक, नवाचार और डिजिटल क्रांति का साल होगा। सरकार का पूरा फोकस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), सेमीकंडक्टर, डेटा सेंटर और आधुनिक तकनीकी क्षेत्रों के विकास पर रहेगा।

लखनऊ और नोएडा बनेंगे AI सिटी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संदेश में घोषणा की कि प्रदेश के दो प्रमुख शहरों लखनऊ और नोएडा को ‘एआई सिटी’ (AI City) के रूप में विकसित किया जाएगा। इसका उद्देश्य उत्तर प्रदेश को वैश्विक आईटी और टेक्नोलॉजी मैप पर अग्रणी बनाना है। इसके साथ ही जेवर में 3700 करोड़ रुपये की लागत से सेमीकंडक्टर यूनिट का निर्माण तेजी से किया जा रहा है, जो प्रदेश की औद्योगिक क्षमता को नई ऊंचाई देगा।
30 हजार करोड़ का डेटा सेंटर निवेश, निवेशकों का बढ़ा भरोसा
सीएम योगी ने बताया कि प्रदेश की सुरक्षित डेटा सेंटर नीति के चलते निवेशकों का भरोसा मजबूत हुआ है। सरकार ने डेटा सेंटर सेक्टर में 30 हजार करोड़ रुपये के निवेश का लक्ष्य तय किया है। फिलहाल प्रदेश में 5 हाइपरस्केल डेटा सेंटर पार्क व्यावसायिक रूप से संचालित हो चुके हैं। इसके अलावा 9 अन्य शहरों में सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क स्थापित किए गए हैं, जिससे युवाओं के लिए बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा हो रहे हैं।
‘एआई प्रज्ञा’ से 10 लाख लोगों को मिलेगा AI प्रशिक्षण
तकनीक को आम लोगों से जोड़ने के लिए सरकार ने ‘एआई प्रज्ञा’ कार्यक्रम शुरू किया है। इसके तहत प्रदेश के 10 लाख नागरिकों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश का युवा केवल तकनीक का उपभोक्ता नहीं, बल्कि उसका कुशल उपयोगकर्ता और निर्माता बने—यही सरकार का लक्ष्य है। ड्रोन, रोबोटिक्स और मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में भी उत्तर प्रदेश तेजी से आगे बढ़ रहा है।
युवाओं से सीएम योगी की अपील: करें ‘ज्ञानदान’
मुख्यमंत्री ने वर्ष 2026 के लिए युवाओं से एक विशेष संकल्प लेने की अपील की। उन्होंने कहा कि हर युवा अपने आसपास के कम से कम 5 बच्चों को कंप्यूटर और AI के प्रति जागरूक करे। सप्ताह में कम से कम एक घंटा ‘ज्ञानदान’ करने का आह्वान करते हुए सीएम योगी ने विश्वास जताया कि सरकार और जनता के सामूहिक प्रयास से उत्तर प्रदेश विज्ञान और प्रौद्योगिकी की वैश्विक राजधानी बनेगा।
मुख्यमंत्री की इस पाती से साफ है कि उत्तर प्रदेश अब केवल कृषि प्रधान राज्य नहीं, बल्कि एक डिजिटल पावरहाउस के रूप में उभरने की ओर तेज़ी से बढ़ रहा है।
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