घर में केला लगाने से खुलते हैं तरक्की के द्वार, वास्तु के ये नियम बदल सकते हैं आपकी किस्मत

भारतीय हिंदू संस्कृति और वास्तु शास्त्र में पेड़-पौधों को केवल सजावट का माध्यम नहीं, बल्कि सकारात्मक ऊर्जा और देव कृपा का स्रोत माना गया है। इन्हीं शुभ पौधों में केले का पौधा विशेष स्थान रखता है। वास्तु के अनुसार, सही दिशा और नियमों के साथ लगाया गया केले का पौधा घर में धन, सुख-समृद्धि और वैवाहिक शांति बनाए रखता है

केले के पौधे को भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। मान्यता है कि जिस घर में यह पौधा उचित स्थान पर लगाया जाता है, वहां विष्णु भगवान की कृपा सदैव बनी रहती है और घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।

धन और खुशहाली का प्रतीक है केले का पौधा

वास्तु शास्त्र के अनुसार, केले का पौधा भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय है। यही वजह है कि गुरुवार के दिन विष्णु पूजा और देवगुरु बृहस्पति की आराधना में केले के पत्ते और फल का विशेष उपयोग किया जाता है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, केले के पौधे में स्वयं भगवान विष्णु का वास होता है। जिस घर में यह पौधा होता है, वहां आर्थिक स्थिरता, मानसिक शांति और पारिवारिक सुख बना रहता है। साथ ही यह पौधा घर के सदस्यों के बीच प्रेम और सौहार्द को भी बढ़ाता है।

केले का पौधा लगाने के वास्तु नियम

  • शुभ दिशा: केले का पौधा घर के पूर्व या उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) में लगाना सबसे शुभ माना जाता है।
  • दिन का चयन: इसे गुरुवार के दिन लगाना अत्यंत लाभकारी होता है।
  • स्थान का ध्यान: केले का पौधा घर के बाहर खुले स्थान में लगाएं। घर के अंदर लगाना वास्तु दोष पैदा कर सकता है।
  • देखभाल जरूरी: पौधा सूखा या मुरझाया न रहे। नियमित जल और साफ-सफाई रखें।
  • पूजा विधि: गुरुवार के दिन पौधे पर जल अर्पित करें, हल्दी मिलाएं और दीपक जलाएं।
  • अकेला पौधा न लगाएं: वास्तु के अनुसार केले के साथ तुलसी या कोई अन्य शुभ पौधा लगाना लाभकारी होता है।
  • कटाई से बचें: बिना कारण पौधे को काटना या नुकसान पहुंचाना अशुभ माना जाता है।

वास्तु शास्त्र के इन नियमों का पालन करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा, सुख-समृद्धि और आर्थिक उन्नति बनी रहती है।

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