राज्यों के निकाय चुनाव परिणामों के संदेश

मृत्युंजय दीक्षित

राजधानी दिल्ली के नगर निगम चुनावों से आरम्भ हुआ भाजपा गठबंधन की विजय का रथ अब केरल, महाराष्ट्र, अरुणाचल और गोवा तक पहुंच गया है। हाल में महाराष्ट्र, अरुणाचल प्रदेश और फिर गोवा से निकाय चुनावों के परिणाम भाजपा के पक्ष में आए। इससे पहले केरल के चुनाव परिणाम आए जिसमें केरल की राजधानी तिरुअनंतपुरम में पहली बार भाजपा का मेयर बना जिसकी चर्चा पूरे भारत में हो रही है। महाराष्ट्र और अरुणाचल के नतीजे कई मायने में महत्वपूर्ण हैं। महाराष्ट्र में 288 नगर परिषदों और नगर पंचायतों के चुनाव में महायुति ने जबर्दस्त प्रदर्शन किया है। भाजपा ने कुल 3325 सीटों पर विजय प्राप्त करके कुल पार्षदों का 48 प्रतिशत अपने नाम किया है। नगर परिषद अध्यक्षों में से करीब 75 प्रतिशत महायुति के हैं। जिनमे सबसे बड़ा योगदान भाजपा का है। भजपा ने 2017 के निकाय चुनावों मे 1602 सीटों पर विजय प्राप्त की थी जबकि अबकी बार उसकी दोगुनी से भी अधिक 3,325 सीटें जीतने में सफलता प्राप्त की है। भाजपा को महाराष्ट्र के ग्रामीण क्षेत्रों में भी भारी सफलता मिली है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का कहना हे कि 2014 से लेकर अभी तक भाजपा शहरी पार्टी मानी जाती थी किंतु अब भाजपा महाराष्ट्र के ग्रामीण क्षेत्रों में भी अपना दबदबा बढ़ा रही है।

आज महाराष्ट्र में विपक्षी गठबंधन अपनी अंतिम सांसे गिनता दिखाई पड़ रहा है। मुंबई नगर निगम के लिए उद्धव और राज हाथ मिला चुके हैं । अगर कुछ अन्य शेष बड़े नगर निगमों में भी विपक्षी गठबंधन जीत नहीं पाता तो वह बुरी तरह से बिखर सकता है।महाराष्ट्र में भाजपा की सफलता का सबसे अधिक श्रेय मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को जाता है जबकि शिवसेना (उद्धव गुट) अपनी दुर्गति के लिए स्वयं दोषी है। शिवसेना के संस्थापक बाला साहेब ठाकरे ने जिन उद्देश्यों के लिए शिवसेना का गठन किया था उससे वह पूरी तरह से भटक चुकी हैं। बांग्लादेश में हिंदुओ के साथ हो रहे अमानवीय अत्याचारों पर शिवसेना (उद्धव गुट )के मुंह में ताला लगा है। वो बांग्लादेश की घटनाओं की निंदा तक नहीं कर पा रही है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज्यभर में 30 से अधिक रैलियां कीं जबकि ठाकरे बंधु अपने महल से बाहर ही नहीं निकले।

भाजपा की अरुणाचल विजय – सुदूर सीमावर्ती राज्य अरुणाचल प्रदेश के निकाय चुनावों में भी भाजपा ने जिला परिषद और ग्राम पंचायत की अधिकांश सीटों पर जीत प्राप्त की और अपना दबदबा कायम रखा। भाजपा ने 245 सीटों में से 170 सीटों पर जीत दर्ज की जिनमें से 59 सीटों पर निर्विरोध विजय हुई। यहां के ग्रामीण इलाकों में भी भाजपा ने मजबूत उपस्थिति दर्ज की, जिसमें ग्राम पंचायत की 8,208 सीटों में से 6,085 सीटों पर जीत दर्ज की है। राजधानी ईटानगर के नगर निगम में भी भाजपा ने 20 मे से 14 सीटो पर विजय प्राप्त करने में सफलता प्राप्त की है यहां नगर परिषद की 59 सीटों पर भाजपा विजयी रही। चुनाव परिणामों से गदगद भाजपा के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने कहा कि राज्य में एनडीए के मजबूत प्रदर्शन से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत और विकसित अरुणाचल के दृष्टिकोण के प्रति जनता का दृढ़ समर्थन झलकता है।

गोवा में भी भजपा की विजय – गोवा में भी जिला पंचायत चुनाव 2025 के सभी परिणाम सामने आ चुके है। ये चुनाव बैलेट बाक्स के माध्यम से हुए थे किंतु यहां पर भी भाजपा को विजय प्राप्त हुई और कांग्रेस व सहयोगी दलों को करारी पराजय का सामना करना पड़ा। गोवा की 50 सीटों के लिए हुए चुनाव में भाजपा गठबंधन 30 से अधिक सीटें जितने में सफल रहा। यह विजय भाजपा के लिए शुभ संकेत है गोवा में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केरजीवाल भी यहाँ दम भर रहे हैं और जनता से कह रहे हैं कि कांग्रेस को वोट मत देना क्योंकि उनके विधायक भाजपा में शामिल हो जाते हैं । शेष अन्य दल गोवा में सुस्त पड़े हैं ।भाजपा कि जीत का यह दौर जारी रहने वाला है क्योंकि कांग्रेस का रेडियो “वोट चोरी“ पर रुक गया है। देश का जनमानस कांग्रेस व राहुल गांधी को बार -बार संदेश भेज रहा है किंतु यह लोग सुधर नहीं रहे हैं और विदेशों में जाकर भारत की आलोचना कर रहे हैं । यह लोग विदेश जाकर जितना भारत विरोधी एजेंडा चलाएंगे देश की जनता इन्हें उतना ही गर्त में धकेल देगी। भारत की जनता की आकांक्षाएं और अपेक्षाएं बदल चुकी हैं, आम जनता की आँखों ने विकसित भारत का सपना देख लिया है और जो लोग भी विकसित भारत की राह में बाधक बन रहे हैं वह धीरे -धीरे नेपथ्य में जा रहे हैं।

प्रेषक -मृत्युंजय दीक्षित
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