कोहरे में बस का संचालन 40 किमी से ज्यादा न हो : परिवहन मंत्री

लखनऊ । उत्तर प्रदेश के परिवहन राज्यमंत्री(स्वतंत्र प्रभार)श्री दयाशंकर सिंह ने शरद ऋतु/ठंड में बसों के सुरक्षित एवं नियंत्रित संचालन के संबंध में परिवहन निगम के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि शरद ऋतु में सड़कों पर प्रातःकालीन कोहरा, फिसलन एवं दृश्यता में कमी जैसी परिस्थितियां अधिक हो जाती हैं। ऐसे में बसों के संचालन में विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है।

परिवहन मंत्री ने निर्देश दिए है कि कोहरे की स्थिति में बस का संचालन 40 किमी० प्रतिघन्टा से अधिक की गति पर न किया जाये, अत्यधिक कोहरे की स्थिति में बस को किसी सुरक्षित स्थान पर रोककर विजविलटी ठीक होने पर ही बस का संचालन आगे गन्तव्य तक करने के निर्देश चालक / परिचालक को दिये जायें। उन्होंने निर्देश दिए कि बस अड्‌डे पर पब्लिक एड्रेस सिस्टम से निरन्तर एनाउन्समेन्ट कराया जाय कि घने कोहरे में बस एवं यात्रियों की सुरक्षा के लिये धीमी गति से बस का संचालन करने और अत्यधिक कोहरे में विजविलटी बहुत खराब होने पर बस को किसी सुरक्षित स्थान पर रोक कर विजविलटी ठीक होने पर ही आगे गन्तव्य के लिये बस संचालन करने के निर्देश चालक/परिचालक को दिये गये है। सम्मानित यात्रियों से अनुरोध है कि कोहरे की स्थिति में चालक / परिचालक पर बस की गति बढ़ाने के लिये दबाव न डालें।

घने कोहरे वाले मार्ग / क्षेत्रों में रात्रिसेवाओं को आवश्कतानुसार कम किया जायें। बस स्टेशन यह तय करें कि कोहरे में बस को संचालन की अनुमति दी जानी है या रोका जाना है।पुराने व अनुभवी निगम चालकों को रात्रिसेवाओं में तैनात किया जाये। रात्रि सेवा का संचालन करने वाले चालकों हेतु यह सुनिश्चित कर लिया जाय कि ड्यूटी से पूर्व 08 घण्टे का विश्राम प्राप्त कर चुका है। रात्रि एवं लम्बी सेवाओं पर तैनात होने के लिये अच्छे ईधन रिकॉर्ड वाले व दुर्घटना रहित चालको को ही लगाया जाये।

50 प्रतिशत से कम लोड फैक्टर वाली रात्रि कालीन सेवाओं को स्थगित रखा जाये। लम्बी दूरी एवं रात्रिकालीन सेवाओं की बसों को, कार्यशाला में आउट शेडिंग से पूर्व, निर्धारित 13 बिन्दु चेकिंग एवं समय-समय पर बसों की 31 बिन्दु चेकिंग कर भौतिक सुधार की कार्यवाही की जायें। निगम एवं अनुबन्धित बसों में बस के आगे एवं पीछे के भाग में रेट्रो रिफ्लेक्टिव टेप लगा है यह सुनिश्चित होने के उपरान्त ही मार्ग पर बसों को भेजा जाये। समस्त बसों में ऑल वेदर बल्ब फॉग लाइट, लगी हो, एवं वाईपर तथा शीशे पूर्ण हो यह व्यवस्था अनुबन्धित बसों में भी सुनिश्चित की जायें।

मार्ग पर तैनात इण्टसेप्टर व प्रवर्तन वाहनों पर कार्यरत कार्मिकों द्वारा ब्रेथ एनालाइजर डिवाइस के माध्यम से मार्ग पर निरीक्षण के दौरान अल्कोहल टेस्ट अनिवार्य रूप से किया जाय। परिवहन मंत्री ने कहा है कि मुख्य रूप से 03 प्रकार के मार्ग / सड़के है अतः चालकों को निम्नानुसार सचेत किया जाये। एक्सप्रेस-वे एक्सप्रेस-वे पर किसी भी अचानक ठहराव के परिणामस्वरूप दुर्घटना हो सकती है। अतः निर्धारित दूरी बनायी रखी जाये, लेन बदलने से पहले इन्डीकेटर अवश्य दिया जाये,डिवाईडर के साथ हाई वे — बायी तरफ खड़ी वाहनों से टकराने से बचने के लिये डिवाईडर के साथ सड़क पर दायीं ओर संचालन करें। और तीसरा बिना डिवाईडर वाली सड़के – हेड ऑन कोलाइजन से बचने के लिये सड़क पर बायीं ओर संचालन करें। परिवहन मंत्री ने कहा कि सभी चालकों/परिचालकों की उक्त के संबंध में प्रशिक्षण कराया जाए, जिससे की उन्हें सुरक्षित बसों के संचालन में सभी आवश्यक जानकारियां प्रदान की जा सकें।चालक संयमित गति रखते हुए बसों का संचालन करें , जिससे कि यात्रियों को सुरक्षित उनके गन्तव्य तक पहुंचाया जा सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार का प्रत्येक व्यक्ति के जीवन की सुरक्षा का दायित्व है।