डिजिटल अरेस्ट ठगी, साइबर ठगी लखनऊ, बैंक फ्रॉड से बचाव, बुजुर्ग महिला साइबर क्राइम, ऑनलाइन ठगी अलर्ट, cyber fraud Lucknow, digital arrest scam India, bank fraud prevention, cyber crime elderly, cyber crime helpline 1930

डिजिटल अरेस्ट का डर, डेढ़ करोड़ की ठगी की साजिश! बैंक अधिकारियों की सतर्कता से बच गई लखनऊ की बुजुर्ग महिला

लखनऊ। साइबर ठग अब लोगों को फंसाने के लिए पुलिस, सीबीआई, ईडी और कोर्ट तक का फर्जी माहौल रच रहे हैं। कभी जज बनकर वीडियो कॉल करते हैं तो कभी गिरफ्तारी का डर दिखाकर ‘डिजिटल अरेस्ट’ में रखने की धमकी देते हैं। लखनऊ में ऐसा ही एक सनसनीखेज मामला सामने आया, जहां ठगों ने एक बुजुर्ग महिला को डराकर उसकी जीवनभर की कमाई—करीब 1.5 करोड़ रुपये—हड़पने की कोशिश की। हालांकि बैंक अधिकारियों की सूझबूझ से महिला ठगी का शिकार होने से बच गई।

विकास नगर निवासी उषा शुक्ला के पास 11 दिसंबर को एक अनजान नंबर से कॉल आया। फोन करने वाले ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताया और आरोप लगाया कि उनके मोबाइल नंबर का इस्तेमाल पहलगाम हमले में आतंकियों को फंडिंग के लिए किया गया है। यह सुनते ही महिला घबरा गईं। कॉल पर सामने वाला पुलिस की वर्दी में नजर आया, उसके साथ दो अन्य लोग भी बैठे थे, जिनमें एक महिला शामिल थी।

ठगों ने उषा शुक्ला से कहा कि गिरफ्तारी से बचने के लिए उन्हें ‘डिजिटल अरेस्ट’ में रहना होगा। उन्हें घर में किसी से बात न करने, फोन 24 घंटे वीडियो कॉल पर चालू रखने और हर घंटे अपनी मौजूदगी दर्ज कराने के निर्देश दिए गए। अकेली रहने वाली उषा शुक्ला डर के मारे अपने बच्चों तक को कुछ नहीं बता सकीं।

FD की जानकारी मिलते ही ठगों की नजर पैसों पर

लगातार संपर्क में रहकर ठगों ने महिला के बैंक खातों की जानकारी हासिल कर ली। जब उन्हें पता चला कि उषा शुक्ला के पास करीब डेढ़ करोड़ रुपये की फिक्स्ड डिपॉजिट है, तो उन्होंने एक खाता नंबर देकर पूरी रकम उसमें ट्रांसफर करने को कहा। ठगों ने भरोसा दिलाया कि जांच पूरी होते ही दो-तीन दिन में पैसा वापस कर दिया जाएगा। साथ ही चेतावनी दी कि अगर किसी को बताया तो परिवार की जान खतरे में पड़ सकती है।

बैंक पहुंचते ही खुल गई ठगी की परत

डर के साए में उषा शुक्ला पंजाब नेशनल बैंक की विकास नगर शाखा पहुंचीं और 13 एफडी तुड़वाकर पैसा ट्रांसफर करने की मांग की। काउंटर पर मौजूद महिला बैंक अधिकारी को उनके हाव-भाव और घबराहट पर शक हुआ। बार-बार पूछने पर भी जब उषा शुक्ला कोई ठोस कारण नहीं बता पाईं, तो अधिकारी ने वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना दी।

ब्रांच मैनेजर श्रवण राठौर ने महिला से करीब तीन घंटे तक बातचीत की और पूरे मामले को समझने की कोशिश की। इस दौरान उषा शुक्ला बैंक से बाहर जाकर चुपचाप ठगों से बात करती रहीं। संदेह गहराने पर बैंक अधिकारियों ने पुलिस को बुला लिया। पुलिस के सक्रिय होते ही ठगों ने फोन काट दिया और महिला की डेढ़ करोड़ रुपये की मेहनत की कमाई सुरक्षित बच गई।

डिजिटल अरेस्ट ठगी का बढ़ता जाल

डिजिटल अरेस्ट के नाम पर होने वाली साइबर ठगी तेजी से बढ़ रही है। आंकड़ों के मुताबिक, ऐसे अपराधी अब तक करीब 3,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी कर चुके हैं। सुप्रीम कोर्ट में यह जानकारी सामने आने पर मुख्य न्यायाधीश भी हैरान रह गए थे। इस साल के शुरुआती दो महीनों में ही इस तरह के 17,718 मामले दर्ज किए जा चुके हैं, जिनमें सबसे ज्यादा शिकार बुजुर्ग बन रहे हैं।

सरकार ने साइबर अपराध की शिकायत के लिए 1930 हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। किसी भी संदिग्ध कॉल या ठगी की आशंका होने पर तुरंत शिकायत करने से पैसे बचने और अपराधियों के पकड़े जाने की संभावना बढ़ जाती है।