अयोध्या : राम मंदिर पर लहराया धर्म ध्वज, मंत्रोच्चार के बीच पीएम मोदी-मोहन भागवत ने किया ध्वजारोहण

अयोध्या : मंत्रोच्चार के बीच पीएम मोदी-मोहन भागवत ने राम मंदिर पर किया ध्वजारोहण

अयोध्या। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को अयोध्या स्थित श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के भव्य शिखर पर ‘धर्म ध्वज’ फहराकर इतिहास रच दिया। वैदिक मंत्रोच्चार और ‘जय श्री राम’ के उद्घोष के बीच दोपहर 12 बजे के शुभ अभिजीत मुहूर्त में यह ऐतिहासिक ध्वजारोहण संपन्न हुआ। इस मौके पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक मोहन भागवत और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे।यह ध्वजारोहण मंदिर निर्माण की पूर्णता और एक नए सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक युग के सूत्रपात का प्रतीक माना जा रहा है।

पीएम मोदी का अयोध्या दौरा और पूजन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली से अयोध्या के महर्षि वाल्मीकि एयरपोर्ट पहुंचे और फिर हेलीकॉप्टर से साकेत महाविद्यालय पहुंचे। यहां से उन्होंने सड़क मार्ग से सप्त मंदिर परिसर तक रोड शो किया।

पीएम मोदी ने सर्वप्रथम सप्त मंदिर परिसर में महर्षि वशिष्ठ, विश्वामित्र, अगस्त्य, वाल्मीकि, देवी अहिल्या, निषादराज गुहा और माता शबरी को समर्पित मंदिरों में पूजा-अर्चना की। इसके बाद प्रधानमंत्री ने राम मंदिर के गर्भगृह के साथ ही प्रथम तल पर नवनिर्मित राम दरबार में भी शीश नवाया और विशेष पूजा-अर्चना की। इस दौरान उनके साथ संघ प्रमुख मोहन भागवत भी उपस्थित थे।

अभिजीत मुहूर्त में ध्वजारोहण

ध्वजारोहण का कार्यक्रम विवाह पंचमी के शुभ दिन और भगवान श्री राम के जन्म से जुड़े अभिजीत मुहूर्त में संपन्न हुआ, जिससे इस क्षण का आध्यात्मिक महत्व और बढ़ गया।

ध्वज की विशेषता: मंदिर के 191 फीट ऊंचे शिखर पर फहराया गया यह भगवा ध्वज 10 फीट चौड़ा और 20 फीट लंबा है। इस पर भगवान राम की सूर्यवंशीय परंपरा का प्रतीक चमकता हुआ सूर्य, ‘ॐ’ और पवित्र कोविदार वृक्ष अंकित है।वास्तुकला का समन्वय: ध्वज को पारंपरिक उत्तर भारतीय नागर शैली में बने शिखर पर फहराया गया, जबकि मंदिर के चारों ओर 800 मीटर लंबा परकोटा दक्षिण भारतीय वास्तुकला को दर्शाता है, जो देश की स्थापत्य विविधता का प्रतीक है।

सुरक्षा व्यवस्था और आमंत्रित अतिथि

इस ऐतिहासिक समारोह के लिए अयोध्या नगरी को भव्य रूप से सजाया गया था। सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे, जिसमें करीब 7,000 सुरक्षाकर्मी, ड्रोन-रोधी सिस्टम और उन्नत निगरानी कैमरे शामिल थे। मंदिर परिसर में आम जनता का प्रवेश प्रतिबंधित रहा और केवल क्यूआर कोड के माध्यम से आमंत्रित मेहमानों को ही प्रवेश मिला। इस समारोह में विभिन्न सामाजिक पृष्ठभूमि के करीब 7,000 गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया, जिनमें वंचित और पिछड़े समुदायों के प्रतिनिधि भी शामिल थे, जो सामाजिक समावेशन को दर्शाता है। पीएम मोदी ने इस अवसर पर उपस्थित जनसमूह को संबोधित भी किया, जिसने इस ऐतिहासिक पल को और यादगार बना दिया।