राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली सहित करीब पूरे देश की हवा की गुणवत्ता लगातार खराब होती जा रही है। हवा की गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने बड़ा फैसला लिया है। एनजीटी ने दिल्ली-एनसीआर में पटाखे की ब्रिकी-इस्तेमाल पर आज रात से 30 नवंबर तक प्रतिबंध लगा दिया है। वहीं देश के अन्य राज्यों के लिए भी आदेश दिए हैं। एनजीटी ने अपने आदेश में कहा कि जिन शहरों में हवा की गुणवत्ता सही है वहां केवल ग्रीन पटाखों को ब्रिकी और इस्तेमाल किया जा सकता है वो भी सिर्फ 2 घंटे का समय दिया है। यह छूट दिवाली, छठ पूजा, क्रिसमस और नए साल के लिए दी गई है।
गौरतलब है कि दिल्ली सरकार पहले ही राजधानी में दिवाली पर पटाखों की ब्रिकी पर रोक लगा चुकी है। आपको बता दें कि इससे पहले पटाखों के बैन के लिए देश की राजधानी दिल्ली और इसके आस-पास के शहरों से मांग उठी थी। इसके बाद जैसे ही दूसरे राज्यों से ऐसी मांग उठने लगी तो एनजीटी ने मामले का दायरा बढ़ा दिया। इसके बाद इसमें देश के सभी राज्यो और केंद्र शासित प्रदेशों को शामिल किया गया।
इन चार राज्यों सहित पर्यावरण मंत्रालय से मांगा था जवाब- बता दें कि इससे पहले एनजीटी ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए चार राज्यों और पर्यावरण मंत्रालय को नोटिस भेजा था। इस नोटिस में पटाखों पर प्रतिबंध वाली याचिका पर इन राज्यों से जवाब मांगा गया था। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, राज्यों ने इस संदर्भ में अपना जवाब एनजीटी को भेज दिया था, जिसके बाद एनजीटी ने आज इस अहम विषय पर फरमान सुनाया।
यह भी पढ़ें: वाराणसी को पीएम मोदी का बड़ा दिवाली गिफ्ट, लोकल सामान को ले कर कही ये बात..
महाराष्ट्र में भी लगा बैन- बता दें कि एनजीटी के आदेश से पहले देश के कई राज्यों में पटाखे जलाने प्रतिबंध पर लगाया था। इसमें हरियाणा और कर्नाटक शामिल है। वहीं महाराष्ट्र सरकार ने भी अब पटाखों जलाने को लेकर रोक लगा दी है। राज्य सरकार द्वारा लोगों से अपील की गई है कि वह पटाखे फोड़ने से परहेज करें। बृहन्मुंबई महानगर पालिका (BMC) ने अपने अधिकार क्षेत्र के तहत सार्वजनिक स्थानों पर पटाखे फोड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया है। बीएमसी अधिकारियों ने बताया कि दिवाली पर रात 8 बजे से रात 10 बजे के बीच ‘फूलझड़ी’ और ‘अनार’ जैसे ध्वनिहीन पटाखों का उपयोग किया जा सकता है।