नई दिल्ली: विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को केंद्र सरकार को निशाना बनाते हुए लोको पायलटों की कार्य स्थितियों का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि उन्हें अमानवीय परिस्थितियों में काम कराना न केवल उनके साथ अन्याय है, बल्कि रेलगाड़ियों से यात्रा करने वाले करोड़ों यात्रियों की सुरक्षा के साथ भी खिलवाड़ है।
राहुल गांधी ने एक्स पर किया पोस्ट
राहुल गांधी ने एक्स पर एक मीडिया रिपोर्ट भी साझा की, जिसमें दावा किया गया था कि रेलवे ने ब्रेक की मांग को खारिज कर दिया और महिला कर्मचारियों को यह कहते हुए उद्धृत किया गया कि उन्हें शौचालय की सुविधा के बिना आठ घंटे की ड्यूटी करनी पड़ी।
राहुल गांधी ने कहा कि पिछले साल जब मैं रेलवे लोको पायलटों से मिला था, तो मुझे उनकी स्थिति जानकर बहुत चिंता हुई थी। 14 घंटे की शिफ्ट, लगातार रात की ड्यूटी, पर्याप्त आराम नहीं, भोजन के लिए ब्रेक नहीं और शौचालय की सुविधा नहीं। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि दुर्घटनाओं के बाद रेलवे इसे मानवीय भूल बताकर जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लेता है, लेकिन यह नहीं बताता कि कर्मचारियों को किस तरह अमानवीय तरीके से काम कराया जाता है।
उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी मूल मांगें निश्चित कार्य घंटे और बेहतर वातावरण थीं, लेकिन सरकार ने दिखावे के लिए एक समिति गठित की और समाधान निकालने का कोई इरादा नहीं है।
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राहुल गांधी ने कहा कि अब भोजन और शौचालय ब्रेक जैसी मांगों को भी यह कहकर खारिज कर दिया गया है कि यह व्यावहारिक नहीं है। यह न केवल लोको पायलटों के साथ अन्याय है, बल्कि ट्रेनों से यात्रा करने वाले करोड़ों यात्रियों की सुरक्षा के साथ भी खिलवाड़ है। उन्होंने कहा कि यह न्याय की लड़ाई है और हम इसमें लोको पायलटों के साथ हैं – जब तक सरकार बहरी बनी रहेगी, हम अपनी आवाज उठाते रहेंगे।