प्रदूषण को लेकर सीएम योगी ने जताई चिंता, UPPCB को लेकर जारी किये निर्देश

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (UPPCB) के पुनर्गठन की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि 1995 में गठन के बाद से इसकी गतिविधियों, क्षेत्र और कार्य प्रकृति में व्यापक बदलाव आया है।

मुख्यमंत्री ने बदलते समय की ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए बदलाव की आवश्यकता बताई। UPPCB की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘रिफॉर्म, परफॉर्म, ट्रांसफॉर्म’ के मंत्र के अनुरूप प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का पुनर्गठन आवश्यक है।

सीएम योगी ने इन बातों पर  दिया बल

योगी ने जिला स्तर पर कार्यालयों की स्थापना और राज्य के 18 प्रशासनिक मंडलों के अनुसार क्षेत्रीय कार्यालयों के पुनः समायोजन की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि औद्योगिक क्षेत्रों में कार्यभार को प्रभावी ढंग से संभालने के लिए एक से अधिक क्षेत्रीय कार्यालय स्थापित किए जा सकते हैं।

मुख्यमंत्री ने आधुनिक पर्यावरणीय चुनौतियों का प्रभावी ढंग से सामना करने के लिए बोर्ड को मजबूत करने की आवश्यकता जताई। उन्होंने ठोस, तरल, खतरनाक, इलेक्ट्रॉनिक और जैव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन के लिए विशेष सेल स्थापित करने के निर्देश दिए।

इसके अलावा, योगी ने जन शिकायत निवारण, अनुसंधान और विकास अध्ययन, पर्यावरणीय जागरूकता, प्रकाशन तथा आईटी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग के लिए विशेष इकाइयों की स्थापना की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि इन कदमों से बोर्ड की समग्र प्रभावशीलता पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

सीएम योगी ने औद्योगिक संस्थानों को दी जाने वाली अनापत्ति प्रमाणपत्रों (CTO/CTE) की प्रक्रिया को तेज करने की आवश्यकता जताई। उन्होंने बताया कि वर्तमान में रेड, ऑरेंज और ग्रीन श्रेणियों की आवेदन प्रक्रिया 120 दिनों के भीतर पूरी होती है। उन्होंने निर्देश दिए कि इन श्रेणियों की समय-सीमा क्रमशः 40, 25 और 10 दिन कर दी जाए और इसके लिए आवश्यक प्रणाली विकसित की जाए।

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मुख्यमंत्री ने खाली पदों की भर्ती प्रक्रिया में तेजी लाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आईआईटी जैसे प्रतिष्ठित तकनीकी संस्थानों से कुशल युवाओं की आकर्षक पैकेज पर नियुक्ति आदर्श होगी। बोर्ड को इस संबंध में नियमों के अनुसार निर्णय लेने चाहिए।

योगी आदित्यनाथ ने यह भी कहा कि 2008 से NOC और सहमति शुल्क में कोई बदलाव नहीं हुआ है। उन्होंने बोर्ड को इस संबंध में विस्तृत समीक्षा कर आवश्यक संशोधन करने के निर्देश दिए।