गोडसे की विचारधारा के साथ सहमत देवकीनंदन ठाकुर, गांधी को नहीं मानते राष्ट्रपिता

देश के जाने-माने कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर सनातन बोर्ड के गठन की मांग को लेकर 16 नवंबर को दिल्ली में एक धर्म संसद आयोजित कर रहे हैं. इस बीच उन्होंने टीवी9 भारतवर्ष के 5 एडिटर्स ने खास बातचीत की है. इस खास बातचीत में उन्होंने हिंदुत्व से जुड़ी बातों समेत देश के कई अन्य मुद्दों पर चर्चा की है. बातचीत में देवकीनंदन ठाकुर ने कौन है बेहतर राजनेता? किसको मानते हैं राष्ट्रपिता? किसकी विचारधारा से हैं सहमत? समेत कई सवालों के जवाब भी दिए.

देवकीनंदन ठाकुर से जब ये पूछा गया कि उन्हें महात्मा गांधी और नाथूराम गोडसे में किसकी विचारधारा बेहतर लगती है. इस पर उन्होंने ने जवाब दिया कि वो देश के बेहतर भविष्य के लिए गोडसे की विचारधारा के साथ सहमत हैं. कथावाचक ने कहा कि वो गांधी के कुछ फैसलों से सहमत नहीं हैं इसलिए वो उनकी विचारधारा से सहमत नहीं हैं. वहीं नाथूराम ने देश के हित में कई अहम फैसले लिए हैं.

किसे मानते हैं राष्ट्रपिता?

साथ ही देवकीनंदन ने बताया कि महात्मा गांधी को वो राष्ट्रपिता नहीं मानते हैं क्यों कि उन्हें किसी तरह की उपाधि नहीं मिली है. उन्होंने कहा कि वो बापू की इज्जत करते हैं. बापू ने जो कार्य किए हैं, उसकी वजह से वह उनका बहुत आदर करते हैं, लेकिन उनकी नजरों में सिर्फ एक ही राष्ट्रपिता हैं वो भगवान श्री राम हैं.

कौन सा नारा है देश के लिए बेहतर?

बातचीत के दौरान देवकीनंदन से राहुल गांधी और अखिलेश में बेहतर नेता को लेकर पूछा गया. इसपर उन्होंने कहा कि उन्हें देश के बेहतर नेता तो प्रधानमंत्री मोदी लगते हैं, लेकिन राहुल और अखिलेश में वो अखिलेश को बेहतर मानते हैं क्यों कि वो उनसे मिल चुके हैं. देवकीनंदन ने बताया कि समाज के लिए ‘सबका साथ सबका विकास’ और ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ में बेहतर नारा बंटेंग तो कटेंगे हैं.

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बातचीत में देवकीनंदन ठाकुर ने हिंदू को लेकर भी बयान दिया. उन्होंने कहा कि उनका मानना है बांग्लादेश और पाकिस्तान से सारे गैर भारतीय हिंदू को बुला लेने चाहिए.साथ ही जो 8-9 करोड़ इस देश में रह रहे हैं. उन्हें उनके देश भेज देना चाहिए, जिससे के सारे हिंदू सुरक्षित रहें.