लखनऊ: बीते आठ महीने से कोरोना महामारी के बीच सहम सहम कर जिंदगी जी रहे हर आयु वर्ग के लोगों के लिए इंस्टीट्यूट ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज (रजि.) “खुशियों का त्यौहार” लेकर आया है। कार्यक्रम के आयोजक मयंक रंजन ने कार्यक्रम की रूपरेखा पर प्रकाश डालते हुए बताया कि नि:संदेह ना सिर्फ हमारा देश बल्कि सम्पूर्ण विश्व इस समय महामारी से जूझ रहा है। दो गज की दूरी और मास्क है जरूरी का मूलमंत्र अपनाते हुए हम सबको इसी विषम परिस्थिति में आंनद के पल तलाशने होंगे। इस नवम्बर से शुरू हुआ पवित्र कार्तिक मास त्योहारों का महीना होता है।
“खुशियों का त्यौहार” भरा है नवम्बर का महिना
करवा चौथ से लेकर देव दीपावली तक पूरा महीना ही उत्सव भरा होता है। इस यथार्थ को स्वीकार करते हुए कि, इस वर्ष महामारी के चलते सामाजिक कार्यक्रमों के साथ ही आपसी मेलजोल भी कम रहेगा, ऐसे में इंस्टीट्यूट ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज (रजि.) की ओर से एक सकारात्मक प्रयास किया जा रहा है।
जिससे अपने-अपने घरों की चारदीवारी में कैद में रह रहे लोगों के जीवन में उमंग और उत्साह बना रहे। साथ ही लोग परस्पर सामाजिक उल्लास और सहभागिता का आंनद के साथ – साथ ज्ञान भी ले सके इसके लिए संस्था की ओर से ऑनलाइन कार्यक्रमों कि श्रृंखला खुशियों का त्यौहार शुरू हो रही है, जिसमें बच्चे, बूढ़े, जवान हर आयु वर्ग के लोगों के लिए उनकी रुचि के अनुसार अलग अलग त्यौहार पर कार्यक्रम की परिकल्पना की गई है। ये कार्यक्रम ना सिर्फ मनोरंजक और उत्साहवर्धक होंगे वरन् ज्ञान वर्धक भी होंगे, जिनसे नई पीढ़ी के लोगों को इन त्यौहार को मानने का वास्तविक अर्थ समझ आए। उदाहरण के लिए, करवा चौथ मानने वाली नई उम्र की बहन बेटियों को इस बात का पता होना चाहिए कि करवा का क्या मतलब है, सास द्वारा बहू को सरगी देने के पीछे रिश्तों कि क्या खूबसूरती है। आज भी कुछ ही लोगों को धनतेरस मानने का असली मतलब पता होगा। छठ महापर्व की पौराणिक गाथा और माहात्म्य क्या है, लोग जान जाए, यही कार्यक्रम का उद्देश्य है।
यह भी पढ़े: जल्द शुरू होगा माटीकला मेला…स्थान और तारीख पर लगी मुहर
मयंक रंजन ने जानकारी देते हुए बताया कि, समस्त कार्यक्रम ऑनलाइन होगा जैसे फेसबुक, यू ट्यूब और दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए सभी कार्यक्रमों को प्रचारित – प्रसारित किया जाएगा। इस कार्यक्रम को सारगर्भित और सार्थक बनाने के लिए अध्यात्म, धर्म जगत, कला – साहित्य, शिक्षा और सामाजिक क्षेत्र के प्रबुद्ध लोगों की विशेष सहभागिता मिल रही है।