पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले के जयनगर में शुक्रवार को नौ साल की बच्ची की हत्या कर दी गई। शुक्रवार देर रात उसका शव बरामद किया गया। पुलिस ने आरोपी 18 वर्षीय युवक को गिरफ्तार कर लिया है।
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने शुरू में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करने से इनकार कर दिया। 200 लोगों की भीड़ ने महिषमारी पुलिस चौकी में तोड़फोड़ की और उसे आग के हवाले कर दिया। शनिवार की सुबह जब पुलिस शव को बरामद करने के लिए गांव पहुंची तो गुस्साए ग्रामीणों ने उन पर हमला कर दिया।
स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) सहित बड़ी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले दागने पड़े।
बरुईपुर पुलिस जिले के पुलिस अधीक्षक पलाश चंद्र ढाली ने मीडियाकर्मियों को बताया, “हमें शुक्रवार रात करीब 9 बजे सूचना मिली। मामला दर्ज कर लिया गया है। आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है और उसने अपना अपराध कबूल कर लिया है। शुक्रवार को सुबह करीब 3.30 बजे जब पुलिस गांव में गई तो ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन किया। हमने हर कदम तत्परता से उठाया है। हम ग्रामीणों की शिकायतों पर गौर कर रहे हैं।
मामले से परिचित लोगों ने बताया कि शुक्रवार दोपहर करीब 2.30 बजे चौथी कक्षा की छात्रा ट्यूशन पढ़ने गई थी। जब वह देर शाम तक घर नहीं लौटी तो उसके परिवार वालों और गांव वालों ने उसकी तलाश शुरू की।
पीड़िता के पिता ने मीडियाकर्मियों को बताया कि वह ट्यूशन क्लास से घर लौटते समय शाम 5 बजे के आसपास स्थानीय बाजार में मेरी दुकान पर आई थी। लेकिन जब मैं रात को घर लौटा, तो मुझे बताया गया कि वह घर नहीं पहुंची। हमने उसकी तलाश शुरू की। बाद में उसका शव हमारे घर से करीब एक किलोमीटर दूर मिला।
स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि जब वे गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए महिष्मरी पुलिस शिविर और जयनगर पुलिस स्टेशन गए तो पुलिस ने शुरू में रिपोर्ट स्वीकार नहीं की।
पीड़िता के चाचा ने कहा कि महिषमरी शिविर में पुलिस ने कहा कि हमें जयनगर पुलिस स्टेशन में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करानी चाहिए, लेकिन वहां पुलिस ने कहा कि हमें महिष्मरी शिविर में जाना चाहिए।
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शनिवार की सुबह शव मिलने के बाद विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। भीड़ ने महिषमारी कैंप में तोड़फोड़ की और उसे आग के हवाले कर दिया। एक मोटरसाइकिल को भी आग के हवाले कर दिया गया। जब पुलिस की टुकड़ी मौके पर पहुंची तो पुलिस के साथ धक्का-मुक्की की गई। महिलाएं लाठी, झाड़ू और रसोई के बर्तन लेकर सड़कों पर उतर आईं। कुलतली से टीएमसी विधायक गणेश चंद्र मंडल को भी गुस्साए ग्रामीणों ने खदेड़ दिया।