- विशाल सिंह फ़ूडमैन को बैंकॉक स्थित ‘हैप्पी केयर ग्लोव्स कोऑपरेटिव लिमिटेड संस्था’ के द्वारा आमंत्रित किया गया है।
लखनऊ । देशभर में फूडमैन के नाम से विख्यात विशाल सिंह लखनऊ में ‘विजय श्री फाउन्डेशन प्रसादम सेवा’ के जरिए कैंसर पीड़ित मरीजों व निशक्त तीमारदारों को हर दिन लगभग 1,000 लोंगों को नि:शुल्क भोजन करा रहे हैI यह निरंतर सेवा 17 वर्षों से चली आ रही हैI इस सेवा भाव के लिए विशाल सिंह फ़ूडमैन को बैंकॉक स्थित ‘हैप्पी केयर ग्लोव्स कोऑपरेटिव लिमिटेड संस्था’ के द्वारा आमंत्रित किया गया है।
फूडमैन विशाल सिंह का एक फेमस स्लोगन है जो कि प्रसादम के दौरान बोलते रहते कि मज़हब कोई ऐसा चलाया जाए, कोई रहे भूखा तो मुझसे न खाया जाए” इस पवित्र भाव के साथ 2007 से भूखों का पेट भरने के काम करते आ रहे हैं। अब उनकी कई वर्षों से हंगर फ्री वर्ल्ड बनाने की मुहिम जारी है, जिसको लेकर कई देशों ने फूडमैन विशाल सिंह की खूब तारीफ करते हुए उन्हें इस मुहिम को सफल बनाने और जमीनी स्तर पर भूखों की सेवा के लिए बैंकॉक स्थित ‘हैप्पी केयर ग्लोव्स कोऑपरेटिव लिमिटेड संस्था’ के द्वारा आमंत्रित किया गया है।
यह एक ऐतिहासिक पल है, भारत देश जहां देश में कोई न रहे भूखा की पहल पर देश के असमर्थ लोगों को सरकार राशन उपलब्ध करा रही है तो वहीं बैंकॉक में फूडमैन विशाल सिंह ‘हंगर फ्री वर्ल्ड मिशन’ बनाने के लिए बड़े आयोजन में शामिल होने जा रहे है , जहां विश्व के तमाम देशों के प्रमुख समाजसेवी और सामाजिक कार्य करने वाली महान हस्तियां भी आ रहीं है ।
देशभर के अस्पतालों में चलाएंगे मुहिम
विशाल सिंह ने बताया कि भूख मुक्त भारत सेना का निर्माण कर रहे हैंI इसके तहत देश के सभी अस्पतालों में जाएंगे और यह सेवा शुरू करने पर वह विचार कर रहे हैंI इसके साथ एक सॉफ्टवेयर भी बनाया जा रहा है जिसके तहत अगर कोई भी कहीं भूखा होगा तो इनके टीम के साथी उसे जाकर वहां भोजन उपलब्ध करा देंगेI गूगल के जरिए ऐसे लोगों को ढूंढा जाएगाI उन्होंने यह भी बताया कि अगर कोई उनकी सेवा में भोजन उपलब्ध कराना चाहता है या अपने परिवार के किसी सदस्य के नाम से भोजन कराना चाहता है, तो उनसे इस मोबाइल- 9935888887 पर संपर्क कर सकता हैI
बहुत कुछ सिखाती है ‘फूडमैन की जिंदगी
आज लखनऊ के तीन बड़े अस्पतालों मेडिकल कॉलेज, बलरामपुर और सिविल अस्पताल स्थिति विजय श्री फाउंडेशन (प्रसादम सेवा ) के माध्यम से नियमित रूप से रोज़ाना, 17 वर्षों से करीब एक हजार तीमारदारों को निःशुल्क भोजन कराया जा रहा हैI इस लिए वो अब फूडमैन विशाल सिंह के नाम से मशहूर हैंI अन्नदान जैसे इस महादान में जुटने की प्रेरणा इन्हें करीब 20 साल पहले मिली थी, जब दिल्ली से सटे गुड़गांव के एक अस्पताल में अपने पिता विजय बहादुर सिंह के इलाज के समय इन्हे स्वयं कई रात भूखे पेट गुजारनी पड़ी थीI
विशाल सिंह बताते है कि 2003 में पिता जी सांस की गंभीर बीमारी से ग्रसित हो गए थे I इस दौरान उनको गुड़गांव के एक निजी अस्पताल के आइसीयू में लंबे समय तक एडमिट कराया जहां लम्बे समय तक इलाज चलाI विशाल सिंह ने कहा कि पिता की बीमारी में काफी पैसा खर्च होने पर परिवार की माली हालत काफी खराब हो गई थीI
इसी दौरान ऐसा समय भी आया जब विशाल और उनके परिवारीजनो को भूखे पेट रह कर अस्पताल में भर्ती पिता की तीमारदारी करनी पड़ीI कई बार लोगों से मांग कर अपने और परिवार के लिए भोजन का इंतजाम करना पड़ाI अस्पताल में कठिन समय गुजारने के दौरान विशाल ने संकल्प किया कि जब कभी समर्थ हुए तो वे अस्पताल में मरीजों के साथ रहने वाले गरीब तीमारदारों को मुफ्त में भोजन देने का काम करेंगेI
वर्ष 2007 से शुरू हुआ विशाल का फ़ूडमैन बनने का सफ़र
इसी समय वर्ष 2007 में अपने कुछ दोस्तों के साथ मिलकर घर में खाना बनाकर लखनऊ की किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) में तीमारदारों के बीच बांटने लगेI इस काम को एक संस्थागत रूप देने के लिए वर्ष 2009 में विशाल ने अपने पिता के नाम पर ‘विजयश्री फाउंडेशन’ संस्था की शुरुआत कीI इसके बाद घर में ही भोजन बनवाकर केजीएमयू, लोहिया और बलरामपुर अस्पताल में अपने मरीज का इलाज करा रहे कैंसर पीड़ित और गरीब तीमारदारों को हर रोज सुबह और शाम को बांटने लगेI
केजीएमयू कुलपति प्रो. रविकांत ने बढ़ाया हांथ
इसी दौरान तत्कालीन कुलपति प्रो. रविकांत ने तीमारदारों के बीच विशाल की सेवा देखकर वर्ष 2015 में केजीएमयू के न्यूरोलाजी विभाग के सामने मौजूद हॉल आवंटित कर दियाI अब विशाल ने इस हॉल में तीमारदारों को बैठाकर भोजन कराना शुरू किया और इस व्यवस्था को ‘श्री विजयश्री फाउंडेशन प्रसादम सेवा’ नाम दियाI
अब हॉल में तीमारदारों को पंगत में बैठाकर स्टील की थाली में पूड़ी, छोला, हलवा, रोटी, दाल जैसे शुद्ध और स्वच्छ भोजन कराना शुरू कियाIअब हजारों लोगों को प्रतिदिन नि:शुल्क भोजन प्रसाद प्राप्त होने लगा, जिसके बाद विशाल सिंह की सेवाओं को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उन्हें “फूडमैन” के नाम से एक बड़ी पहचान दी गई। आज देश और विदेश में विशाल सिंह फूडमैन के नाम से मशहूर हैं।
सेवा भाव के लिए लोंगों से की अपील
इसी दौरान फ़ूडमैन ने अपने संपर्क के लोगों से अपील की कि वे अपने या अपने बच्चों का जन्मदिन, शादी की सालगिरह जैसे आयोजन प्रसादम सेवा के साथ तीमारदारों के बीच मनाएंI इसके बाद लोग आगे आना शुरू हुएI विशाल सिंह ने लोगों से पैसा नहीं बल्कि राशन की मांग कीI लोग खुद अपने हाथों से तीमारदारों को भोजन कराने लगेI अब करीब 5,000 लोग प्रसादम सेवा से जुड़कर तीमारदारों को भोजन करा रहे हैंI खास बात यह है कि इस भोजन को बेहद साफ तरीके से बनाया जाता है। वहीं, प्रसादम सेवा में एक ही छत के नीचे सभी धर्म और मजहब के लोग बैठकर खाना खाते हैं।
निशुल्क भोजन और रैनबसेरा की दे रहे सेवा
विशाल सिंह का मानना है कि हमारे वर्तमान और अनंत शेष जीवन के क्षण में केवल पुण्यों का फिक्स डिपॉजिट ही काम आएगा। इस पावन पुनीत विचार और मिशन में मानवीय सेवा से बहुत से लोग जुड़ते गए और एक बड़ा कारवां बनता गया। आज के समय में फूडमैन विशाल सिंह की सामाजिक संस्था विजय श्री फाउंडेशन “प्रसादम सेवा” हजारों लोगों को कई स्थानों पर नि:शुल्क भोजन एवं आदर्श स्थाई रैन बसेरा की सेवा उपलब्ध कराकर उनके पीड़ा रूपी जख्मों पर मरहम का काम कर रही है।
बैंकॉक स्थित हैप्पी केयर ग्लोव्स कोऑपरेटिव करेगी सम्मानित
इन्हीं सब कार्यों से प्रभावित होकर बैंकॉक स्थित हैप्पी केयर ग्लोव्स कोऑपरेटिव लिमिटेड के द्वारा हंगर फ्री वर्ल्ड मिशन को सफल बनाने के लिए रेड कारपेट वेलकम इनविटेशन भेजा गया है। यह हमारे प्रदेश और देश के लिए गौरव का क्षण कि वैश्विक स्तर पर फूडमैन विशाल सिंह के द्वारा भारत का नाम रोशन किया जा रहा है। निश्चित रूप से हंगर फ्री वर्ल्ड मिशन एक मानवीय सेवा का सच्चा उदाहरण सिद्ध होगा। इस ऐतिहासिक पल के लिए विजय श्री फाउंडेशन “प्रसादम सेवा” के सभी कर्मयोगियों और सहयोगियों का प्रशंसा योग कार्य जीवंत सेवा के लिए आभार स्वरूप है।
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भी कर चुकीं है सम्मानित
वहीं, आप को जानकारी के लिए बता दें कि केंद्र सरकार की संस्था ‘फूड फेडरेशन ऑफ इंडिया’ ने अपनी मुहिम ‘सेव फूड, शेयर फूड, जॉय फूड’ के लिए विशाल को साथ में जोड़ा है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, कोरोना संक्रमण के दौरान हुए लॉकडाउन में विशाल ने 7.5 लाख से अधिक भोजन के पैकेट जरूरतमंदों और प्रवासी मजदूरों के बीच बांटे गए थे। इसके लिए यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने विशाल को 6 नवंबर को राजभवन में सम्मानित किया है।