मणिपुर हिंसा को लेकर लोगों में गुस्सा दिन पर दिन बढ़ रहा है। आज 27 जुलाई गुरुवार को इसी मामले में सुप्रीम कोर्ट में एक और याचिका दाखिल की गई। परंतु पीठ ने याचिकाकर्ता से पूछा कि अदालत में पहले से ही इस मुद्दे पर ध्यान दिया जा रहा है, तो क्या एक और याचिका की जरूरत है। साथ ही उन्होंने मुख्य न्यायाधीश DY चंद्रचूड़ से इस याचिका का उल्लेख करने को कहा।
CJI नहीं थे मौजूद अदालत में
आपको बता दे, इस मामले की सुनवाई के लिए न्यायमूर्ति एस के कौल और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया गया था। लेकिन आज गुरुवार को CJI चंद्रचूड़ अदालत में मौजूद नहीं थे।
याचिकाकर्ता ने किया अनुरोध
आपको बता दे, याचिका दायर करने वाले वकील विशाल तिवारी ने पीठ को बताया कि मणिपुर में हुई हिंसा के मुद्दे को उठाने वाली लंबित याचिकाएं शुक्रवार यानी की 28 जुलाई को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध हैं। उन्होंने यह अनुरोध किया है कि उनकी याचिका को भी इस मामले के साथ शुक्रवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया जाए।
पीठ ने दिया यह जवाब
आपको बता दे, पीठ ने इस पर कहा कि शीर्ष अदालत में पहले से ही इस मुद्दे पर गौर किया जा रहा है, तो एक और याचिका की क्या आवश्यकता है। उन्होंने आगे कहा कि इस मामले में देशभर में हर कोई अपनी बात रखना चाहता है। पीठ ने कहा कि कल CJI के समक्ष इसका उल्लेख करें।
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याचिका में लगाए गए ये आरोप
आपको बता दे, तिवारी ने दावा किया कि उन्होंने कानून के शासन के उल्लंघन और मणिपुर में क्रूरता और अराजकता के खिलाफ याचिका दायर की है। याचिका में बताया गया है कि मणिपुर में दो महिलाओं को भीड़ ने निर्वस्त्र कर अपमानजनक तरीके से घुमाया और उनके साथ यौन उत्पीड़न किया। इस घटना का वीडियो हाल ही में सामने आया है। याचिका में आगे कहा गया है कि स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति को चार सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा जाना चाहिए। इसके साथ ही राज्य एजेंसियों के खिलाफ कार्रवाई के सख्त आदेश जारी किए जाने की मांग भी की गई है।
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