बिहार के मुख्यमंत्री और महागठबंधन के नेता नीतीश कुमार दरअसल समय-समय पर सबको चौंकाते रहते हैं। लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक इसके पीछे एक रणनीति छिपी है। नीतीश कुमार ने हाल ही में 15 विपक्षी दलों को एकजुट करने का काम किया है। इससे उनके चर्चे में बने रहने की वजह से विपक्ष विचलित हो रहा है। दूसरे कारण के तौर पर, नीतीश कुमार वन-टू-वन मुलाकातों में अपने विधायकों और सांसदों के साथ बैठकर चुनावी रणनीति पर विचार कर रहे हैं।
आपको बता दे इसी बीच मानसून की एंट्री और बारिश के बीच सियासत का माहौल गरमा गया है। सीएम नीतीश कुमार जनता की नजरों में बिहार को विकास के मार्ग पर ले जाने के दावेदार बने हैं, लेकिन कई मुद्दों पर उनके काम और दावे आम जनता के बीच जम रहे हैं। विपक्ष भी इन्हें कई बड़े सवालों को सामने रख रहा है। इसलिए, नीतीश कुमार के लिए 2024 के चुनाव के लिए एकजुटता बनाए रखना जरूरी है और इसके लिए उन्होंने अपने सांसदों और विधायकों से मिलकर रणनीति बनाने का आदेश दिया है। बीजेपी नेताओं की माने तो यह सारी तैयारी एक डरावनी नाटक है। उनके मुताबिक नीतीश कुमार वास्तविकम रूप से डरे हुए हैं, और इसीलिए वह अपने सांसदों और विधायकों से खुद को जोड़ कर रखने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।
नीतीश कुमार की जनप्रियता में भी गिरावट दिखाई दे रही है। जीते जी उन्हें मिली चुनावी जीतों के बावजूद, उनके सरकार के काम के साथ जनता की उम्मीदें कायम नहीं रहीं हैं। उनकी सरकार को विभिन्न मुद्दों पर बड़ी चुनौती मिल रही है और विपक्ष इसका बेहतर फायदा उठाने की पूरी कोशिश कर रहा है। इससे नीतीश कुमार के लिए आने वाले चुनाव की तैयारी में कई मुश्किलें भी आ सकती हैं।
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