महाराष्ट्र की राजनीति में उठापटक और एनसीपी में घमासान के बीच विपक्षी महाजुटान की दूसरी बैठक का आयोजन 13-14 जुलाई को बेंगलुरु में होना था, लेकिन इसे अब रद्द कर दिया गया है। इन विपक्षी दलों के बीच की बैठक के आयोजन को टलाने का प्रमुख कारण महाराष्ट्र में हुए सियासी उठापटक का प्रभाव है। इसके साथ ही, बिहार और कर्नाटक विधानसभा के मॉनसून सत्र भी इस बैठक के आयोजन को टालने में मददगार साबित होते हैं।
इस बैठक को टालने का मुख्य कारण क्या हैं ?
बेंगलुरु की इस दूसरी बैठक को टलाने का मुख्य कारण महाराष्ट्र में हुए सत्र के बाद उठे विवाद का प्रभाव है। राज्य के गवर्नर भगत सिंग कोश्यारी के नागरिक भव्य गणेशोत्सव पर बिजली विभाजन में हिंसक विरोध के चलते खुलेआम भगवा विरोध देखने को मिला। इस विरोध के चलते राज्य सरकार को नागरिकों के बीच विवाद करने को सूझ रहा है और विपक्षी दलों को राज्य सरकार पर निशाना साधने का मौका मिल रहा है।
जानकारी के मुताबिक आपको बता दे कि पूजा के अलावा गुबेर की मूर्तियों को भी भगवा में बांधा गया था। इस बात को लेकर नागरिकों में बहस छिड़ी और इस विरोध का असर विपक्षी दलों के घटने वाले गठजोड़ पर भी पड़ा है। महाजुटान की दूसरी बैठक को रद्द कर देने के साथ-साथ एनसीपी में भी टकराव के चलते इसे स्थगित कर दिया गया है।
यह भी पढ़े : बिहार के सीएम नीतीश कुमार की छिपी रणनीति के बीच ‘मिशन 2024’ की तैयारी
महाजुटान की बैठक को रद्द कर देने से विपक्षी दलों के बीच गठबंधन की ताक़त पर सवाल उठ रहा रहा है। 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को टक्कर देने के लिए विपक्षी दलें एकजुट होने के लिए पहले भी कई बैठक आयोजित कर चुकी हैं। पिछले सत्र में पटना की बैठक में भी विपक्षी दलों के नेता एकत्र हुए थे और इसमें 15 राजनैतिक दलों के नेता शामिल हुए थे। हालांकि, बीजेपी के आदेशक विचारकों का कहना है कि महाजुटान बिहार और कर्नाटक विधानसभा के मॉनसून सत्र बैठक के चलते टलाई गई है। जेडीयू नेता केसी त्यागी ने बैठक को रद्द करने की बात की पुष्टि की है। उम्मीद है कि नई तारीख की घोषणा बाद में की जाएगी।