प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बुधवार को यहां संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में नौवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर एक ऐतिहासिक समारोह में अनोखे योग सत्र का नेतृत्व करेंगे, जिसमें संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष अधिकारी, दुनिया भर के राजदूत और गणमान्य व्यक्ति भाग लेंगे। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर एक वीडियो संदेश में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत ने हमेशा जोड़ने, अपनाने और अंगीकार करने वाली परंपराओं को पोषित किया है।
उन्होंने योग के माध्यम से विरोधाभासों, बाधाओं और प्रतिरोधों को खत्म करने का आह्वान भी किया। उन्होंने कहा कि भारतीयों ने हमेशा नये विचारों का स्वागत किया है, उन्हें संरक्षण दिया है और देश की समृद्ध विविधता का जश्न मनाया है। उन्होंने कहा, “योग हमारी अंतरदृष्टि को विस्तार देता है। योग हमें उस चेतना से जोड़ता है, जो हमें जीव मात्र की एकता का एहसास कराती है, जो हमें प्राणी मात्र से प्रेम का आधार देती है। इसलिए हमें योग के जरिये हमारे अंतरविरोधों को खत्म करना है, हमें योग के जरिये हमारे गतिरोधों और प्रतिरोधों को भी खत्म करना है। हमें ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना को विश्व के सामने एक उदाहरण के रूप में पेश करना है।”
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस इस साल खास है क्योंकि आर्कटिक से लेकर अंटार्कटिका तक, भारत के दो अनुसंधान केंद्र भी योग से जुड़ रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और प्रथम महिला जिल बाइडन के निमंत्रण पर मोदी अपनी यात्रा के पहले चरण में न्यूयॉर्क में हैं। संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने एक साक्षात्कार में ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि इस वर्ष योग उत्सव एक बहुत ही ‘अनोखा अवसर’ होगा क्योंकि वह प्रधानमंत्री मोदी थे जिन्होंने यह दृष्टि दी थी और उनके नेतृत्व ने यह सुनिश्चित किया कि हर साल 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाया जाए। कंबोज ने कहा, “इसलिए करीब नौ साल बाद, उस नजरिये को पेश करने वाला अवसर संयुक्त राष्ट्र में आया है।” उन्होंने कहा कि अब योग दिवस संयुक्त राष्ट्र द्वारा अनिवार्य अवसर है। उन्होंने कहा, “इसलिए दूरदर्शी नेता और संयुक्त राष्ट्र दोनों का एक साथ आना…, मुझे लगता है अपने आप में बहुत अनूठा है”।
उन्होंने कहा कि योग कार्यक्रम को लेकर लोगों में काफी उत्साह है। कंबोज ने कहा, “अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बहुत उत्साह है। इसे लेकर बहुत दिलचस्पी है। मैं कहूंगी, प्राचीन भारतीय अभ्यास योग सभी सीमाओं को पार कर गया है और यह एक वैश्विक घटनाक्रम बन गया है।” कंबोज ने कहा “तथ्य यह है कि मंच पर योग करने वाले बच्चे बहुत ही अनोखे होंगे। कुल मिलाकर मुझे लगता है कि यह अपनी तरह का एक अनूठा आयोजन होने जा रहा है।” संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतारेस ने योग दिवस के लिए अपने संदेश में कहा कि योग एकजुट करता है। उन्होंने कहा, “यह शरीर और मन, मानवता और प्रकृति और दुनिया भर में लाखों लोगों को एकजुट करता है, जिनके लिए यह शक्ति, सद्भाव और शांति का स्रोत है।”
गुतारेस ने कहा, ‘‘खतरनाक और विभाजित विश्व में, इस प्राचीन व्यायाम के लाभ खासतौर से कीमती हैं। योग शांति को आश्रय देता है, यह चिंता को कम कर सकता है और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा दे सकता है। यह अनुशासन तथा धैर्य विकसित करने में हमारी मदद करता है। यह हमें हमारी धरती से जोड़ता है जिसे हमारे संरक्षण की अदद आवश्यकता है।’’ योग सत्र 21 जून को संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के विशाल उत्तरी उद्यान में चलेगा, जहां पिछले साल दिसंबर में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता के तहत भारत की ओर से संयुक्त राष्ट्र के लिए उपहार स्वरूप महात्मा गांधी की प्रतिमा स्थापित की गई थी। प्रधानमंत्री मोदी महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करेंगे। यह प्रतिमा अब संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के उत्तरी उद्यान में “गर्व से सुशोभित” है जहां योग सत्र आयोजित किया जाएगा।
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ऐतिहासिक योग सत्र में संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष अधिकारियों, राजदूतों, दूतों, सदस्य देशों के प्रतिनिधियों के साथ-साथ वैश्विक और प्रवासी समुदाय के प्रमुख सदस्यों के भाग लेने की उम्मीद है। सूत्रों ने कहा कि 180 से अधिक देशों के लोग यहां प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाले योग दिवस समारोह में भाग लेंगे, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों के लोगों समेत राजनयिक, कलाकार, शिक्षाविद और उद्यमी शामिल होंगे। संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों, एजेंसियों और सदस्य राष्ट्रों ने कहा है कि वे ऐतिहासिक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए ‘‘उत्सुक’’ हैं।