प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का तीन देशों की सफल यात्रा पूरी कर स्वदेश लौटने पर राजधानी दिल्ली में भव्य स्वागत किया गया। पालम एअरपोर्ट के बाहर भाजपा नेता और कार्यकर्ता तड़के चार बजे अंधेरे में ही जुटना शुरू हो गये थे। प्रधानमंत्री का सबसे पहले भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने स्वागत किया, इसके बाद दिल्ली के सांसदों ने उनका स्वागत किया। इस दौरान एअरपोर्ट के बाहर बनाये गये एक मंच से कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए भाजपा अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान देश को मिली उपलब्धियों को सराहा। वहीं विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि मैं इस यात्रा का साक्षी रहा और मैंने देखा कि कैसे विश्व समुदाय प्रधानमंत्री की बात को गंभीरता के साथ सुनता है। वहीं अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ”मैं जितने भी नेताओं से मिला और जिन सभी हस्तियों से मैंने बात की वे मंत्रमुग्ध थे और जितनी कुशलता के साथ भारत जी20 की अध्यक्षता कर रहा है उसके लिए उन्होंने भारत की सराहना की। यह सभी भारतीयों के लिए बहुत गर्व की बात है।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं दुनिया में जाकर देशवासियों के पराक्रमों के गीत गाता हूं। मैं दुनिया के देशों में जाकर भारत के सामर्थ्य की, युवा पीढ़ी के टैलेंट और अवसर मिलने पर भारत कैसे खिल उठता है, इसकी चर्चा करता हूं। उन्होंने कहा कि मेरे देश की महान संस्कृति का गौरव गान करते समय मैं आंखें नीचे नहीं करता बल्कि आंखें मिला कर दुनिया से बात करता हूं।
हम आपको बता दें कि प्रधानमंत्री सबसे पहले जी7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए जापान के हिरोशिमा गए थे। इसके बाद वह पापुआ न्यू गिनी पहुंचे, किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा उस हिंद-प्रशांत देश की यह पहली यात्रा थी। मोदी ने ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज के आमंत्रण पर सिडनी की यात्रा भी की। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उन्होंने अपने समय का इस्तेमाल देश की भलाई के लिए किया। आलोचकों पर कटाक्ष करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इन्हीं लोगों ने कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान अन्य देशों को टीके देने के फैसले पर सवाल उठाए थे। प्रधानमंत्री ने कहा, ”याद रखें, यह बुद्ध की भूमि है, यह गांधी की भूमि है। हम अपने दुश्मनों की भी फिक्र करते हैं, हम करूणा से भरे लोग हैं।’’ उन्होंने कहा कि दुनिया भारत की कहानी सुनने के लिए उत्सुक है और भारतीयों को कभी भी अपनी महान संस्कृति तथा परंपराओं के बारे में बात करते हुए ‘‘गुलाम मानसिकता’’ नहीं रखनी चाहिए, बल्कि साहस के साथ अपनी बात रखनी चाहिए। मोदी ने कहा कि दुनिया उनकी इस बात से सहमत है कि धार्मिक स्थलों पर कोई भी हमला स्वीकार्य नहीं है।
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प्रधानमंत्री ने संसद के नये भवन के उद्घाटन कार्यक्रम का बहिष्कार कर रहे विपक्षी दलों पर भी अप्रत्यक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा कि भारतीय समुदाय के कार्यक्रम में ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री का आना हम सभी के लिए गौरव की तो बात है ही, लेकिन इतना ही नहीं, उस समारोह में पूर्व प्रधानमंत्री भी थे, विपक्ष के सांसद थे, सत्ता पक्ष के सांसद थे, सब के सब मिलजुल कर भारतीय समुदाय के इस कार्यक्रम में शामिल हुए थे। उन्होंने कहा कि ये यश मोदी का नहीं है, हिंदुस्तान के पुरुषार्थ का है, 140 करोड़ हिन्दुस्तानियों के जज्बे का है। प्रधानमंत्री ने अल सुबह पहुँचे कार्यकर्ताओं का जोश बढ़ाते हुए कहा कि आज यहां जो लोग उपस्थित हैं वो मोदी जी को प्यार करने वाले लोग नहीं हैं, ये मां भारती को प्यार करने वाले लोग हैं। ये हिंदुस्तान को प्यार करने वाले लोग हैं। हिंदुस्तान का नाम रोशन होता है तो 140 करोड़ देशवासियों का जज्बा नई ऊंचाइयों को छू लेता है।