उत्तर प्रदेश सरकार अटल आवासीय विद्यालयों में पहला शैक्षिक सत्र जुलाई से शुरू करने जा रही है जिससे राज्य के श्रमिकों के बच्चों और कोविड-19 महामारी के दौरान अनाथ हुए बच्चों को मुफ्त में आधुनिक शैक्षिक सुविधाएं मिल सकेंगी. श्रम मंत्री ने यह जानकारी देते हुए कहा कि इन विद्यालयों में प्रवेश के लिए नामांकन पत्र भरने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. इन आवासीय विद्यालयों का नाम भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दिग्गज नेता और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखा गया है. इनमें कक्षा छह से 12 तक के बच्चों को मुफ्त में शिक्षा प्रदान की जाएगी और विद्यार्थियों को पूर्ण आवासीय सुविधाएं भी मिलेंगी.
राज्य के प्रत्येक प्रशासनिक प्रभाग में ऐसे 18 विद्यालयों में प्रवेश के लिए विद्यार्थियों को एक प्रवेश परीक्षा पास करनी होगी. उत्तर प्रदेश के श्रम एवं रोजगार मंत्री अनिल राजभर ने कहा कि कक्षा छह के लिए शैक्षिक सत्र जुलाई में शुरू होगा. इन विद्यालयों का प्रबंधन उत्तर प्रदेश श्रम विभाग करेगा. राजभर ने कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश भवन और अन्य निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड (यपूीबीओसीडब्ल्यू) में पंजीकृत और कम से कम तीन वर्षों से ई-श्रमिक कार्ड रखने वाले माता-पिता के बच्चे इन विद्यालयों में प्रवेश के लिए पात्र हैं. ऐसे बच्चे जो कोविड-19 महामारी के कारण अपने माता-पिता में से किसी एक या दोनों को खो चुके हैं, वे भी प्रवेश के लिए पात्र होंगे.’’
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सभी स्कूलों में होगी भर्ती
आधिकारिक जानकारी के अनुसार एक मई 2010 से 30 अप्रैल 2013 के बीच जन्में बच्चे अटल आवासीय विद्यालयों में कक्षा छह में प्रवेश के लिए पात्र होंगे. सरकार ने अटल आवासीय विद्यालयों में एक परिवार के अधिकतम दो बच्चों को प्रवेश देने का प्रावधान किया है. प्रत्येक अटल आवासीय विद्यालय को 70 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया जा रहा है. ये विद्यालय नवोदय विद्यालयों की तर्ज पर काम करेंगे और सीबीएसई पाठ्यक्रम का अनुसरण करेंगे. प्रत्येक अटल आवासीय विद्यालय में शिक्षकों के लिए लगभग 10 स्वीकृत पद हैं. शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है और आगामी सप्ताह में नियुक्ति पत्र जारी कर दिये जाएंगे.